विश्व प्रसिद् महाकालेश्वर मंदिर के शिखर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट साल में एक बार रात 12 बजे खुलते है जो अगले दिन रात 12 बजे तक 24 घण्टे के लिए सतत खुले रहते है । आज सोमवार को नागपंचमी होने के चलते विशेष दिन माना जा रहा है। महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के मंहत प्रकाश पुरी महाराज तथा उनके प्रतिनिधीयों ने पट खुलने के बाद शेषनाग पर विराजित भगवान शिव तथा पार्वती की मूर्ति की पूजा की और करीब एक घंटे तक पूजा के बाद श्रृद्वालुओं के लिए मंदिर में दर्शन शुरू किए गए। विश्वप्रसिद्व महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए यूं तो हर दिन हजारों भक्तों की भीड उमडती है लेकिन नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर के शिखर के मध्य में स्थित नागचंद्रेश्वरके दर्शनों को करने के लिए श्रृद्वालुओं को सालभर इंतजार करना पडता हैै। इसका कारण यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खुलता है तथा इस दिन लाखों लोग भगवान नागचंदे्रश्वर के दर्शन कर अपने को धन्य समझते है। नागपंचमी के दिन होने वाले दर्शनों के लिए शाम से ही श्रृद्वालु लाइन में लगे थे। भगवान नागचंद्रेश्वर के इस दुर्लभ दर्षन को पाने की चाह में बुढे, बच्चे, महिला-पुरुष सभी कई घण्टो तक इंतजार करते नजर आये , रात 12 बजे जैसे ही मंदिर के महंत प्रकाश पुरी जी महाराज मंदिर के पट खोले खोलने के लिए पहुचते है तो जय महाकाल के उदघोष से पुरा आकाष गुजांयमान हो जाता है। भगवान नागचंदे्रष्वर के जन्मदिन के रुप में मनाया जाने वाला यह पर्व प्रतिवर्ष लाखो श्रद्धालुओं द्वारा इसी आनंद-उमंग और पुर्ण आस्था के साथ मनाया जाता है।