शहर के पोस्ट आफिस के पास दुकान लगाने वाले फूल व्यापारियों के बाद फल और नारियल विक्रेताओं को इंदिरा तिराहे के पास शिफ्टिंग कराने के लिए काफी माथापच्ची करनी पडी। टाऊन हाल के सामने दुकान लगाने वाले फल व्यापारी हटने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि निगम द्वारा जिस स्थान पर विस्थापन किया जा रहा है वह उनकी ग्राहकी के हिसाब से सहीं नहीं है । अपनी बात अडे़ फल व्यापारियों को समझाने निगम सहायक आयुक्त आरएस बाथम को काफी मशक्कत करनी पडी। इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो उन्हें पुलिस का सहारा लेना पड़ा। यातायात डीएसपी सुदेश सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि यदि तय किए गए स्थान पर व्यापार नहीं चलता है तो व्यापारियों द्वारा बताए जाने वाले स्थान पर जगह दी जाएगी। 2 ई अनुज्ञा लागू हो चुकी है, लेकिन इसमें छिंदवाड़ा के अनाज व्यापारियों के संशोधन सुझावों को नहीं माना गया। जिसके विरोध मे सोमवार को व्यापरियों ने 2 घण्टे तक नीलामी में भाग नहीं लिया। व्यापारियों ने बताया कि उंन्होने मंडी सचिव के माध्यम से कई बार अपनी बात मंडी बोर्ड तक भेजी है , रविवार को भी व्यापरियों ने मंडी बोर्ड भोपाल में ई अनुज्ञा प्रभारी से भी बात की थी। उन्होंने कहा कि हमारी बातो को लेकर सचिव गम्भीर नहीं है और व्यापारियों को ई अनुज्ञा में होने वाली परेशानी से उन्हें कोई सरोकार नहीं है जिसके चलते वे उच्च विभाग तक कोई टीप भी नहीं लिख रहे है । अनाज व्यापारी संघ अध्यक्ष प्रतीक शुक्ला ने बताया कि 1 सितम्बर के बाद से मंडियों में ई अनुज्ञा और आरटीजीएस के साथ काम करना काफी मुश्किल होगा। 3 कृषि उपज मंडी कुसमेली के प्रांगण में दर्जनो जगह गड्ढे हैं और अनाज नीलामी शेड की सीढि़यां भी टूटी हुई है। जिसको लेकर व्यापरियों ने पिछले दिनों ज्ञापन भी दिया था। लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए है। गौरतलब है कि मंडी में उद्घोषणा के लिए लगा हुआ लाउड स्पीकर भी कई दिनों से खराब चल रहा है। वही सीसीटीवी कैमरों की भी स्थिति ठीक नहीं है, व्यापरियों ने कहा प्रबन्धन की लापरवाही से कभी भी गम्भीर हादसे हो सकते है। मंडी की व्यवस्था देखना सचिव की जिम्मेदारी है जिसे वे सही तरीके से नहीं निभा रहे है । 4 पिछले दिनों शिक्षकों के थोकबंद तबादले क्या हुए, उन्हें सुधरवाने की बाढ़ आ गई। सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चैरागढे़ के पास जिले भर से सिफारिश लेकर आने वालों की कतार लगी रही। कोई विधायक का पत्र लेकर पहुँचा तो कोई वही पर डीईओ के जान पहचान वाले से मोबाइल पर बात करा रहा था। लेकिन, निराकरण शायद ही किसी का हो पा रहा हो। डीईओ भी लोगों को अपने स्तर पर बहाने बना कर टरका रहे थे और कुछ को उपाय भी बता रहे थे। इसी दौरान एक दिव्यांग शिक्षिका भी अपनी बात रखने पहुंची । निराकरण तो दूर उसे कार्यवाई का ही डर दिखा दिया गया। नाम और पहचान छुपाने की शर्त पर शिक्षिका ने बताया कि उसकी जॉइनिंग सामान्य कैटेगरी में हुई थी। लेकिन ट्रांसफर के फॉर्म में एक जगह पूछा गया है कि क्या वह दिव्यांग है कि नहीं तो उसने हा पर निशान लगाया। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें इस आधार पर कार्यवई करने की बात कह दी। जिस पर वह अपनी बात रखे बिना ही कक्ष से बाहर निकल गई। 5 नोनिया करबल पुरानी बस्ती वार्ड 45 में इन दिनों यहां के रहवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, नगर निगम द्वारा सीवरेज पाइप लाइन डाली गई, जिसमें रोड पूरी खराब हो चुकी है, राहगीरों को आने-जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, किसान भी अपना खेतिहर का सामान नहीं ले जा पा रहा है। स्कूली बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं । नगर निगम और जिला प्रशासन से स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि सड़क जल्दी बनाई जाए, जिससे परेशानियों का समाधान किया जा सके।