1 नगर निगम में बुधवार को मेयर इन काऊंसिल ने शहर विकास से जुडे १८ प्रस्तावों में एक को छोड १७ को हरिझंडी दे दी है। बैठक में जो सबसे बड़ा और राहत वाला प्रस्ताव पास हुआ है उसके तहत अब शहर में नए भवन बनाने वाले व्यक्ति को उतने ही ऐरिया का आवाश शुल्क देना होगा जितने में वह कंस्ट्रक्शन कराएगा। बतादें कि इसके पहले प्लाट ऐरिया पर शुल्क लगता था। इसके अलावा ट्रेड लायसेंस के तहत भी व्यवसाय के मुताबिक रजिस्ट्रेशन फीस तय कर दी है। लाए गए प्रस्तावों में शहर की आंतरिक सड़कों के लिए १०४ करोड के प्रस्ताव को ध्वनि मत से पास किया गया है। वहीं शहर की एक सड़क व वार्ड तीन के एक मुहल्ले का नाम बदला गया है। इसके अलावा जैल बगीचा के लेफ्ट टर्न पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थिापित करने का भी फैसला लिया गया है। 2 तामिया तहसील में पदस्थ पटवारी विजय कुमार रथिया का आज सुबह न्यूटन के पास एक बस से टकरा जाने के बाद उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गईरोज की तरह अपने नौकरी पर जा रहे पटवारी विजय कुमार रथिया का न्यूटन नगर पंचायत पंप हाउस के सामने बस से टकराने के कारण घटनास्थल पर ही मौत हो गईबताया गया है कि यहां रोज छिंदवाड़ा से तामिया जाया करते थे विजय कुमार रसिया तामिया तहसील में पटवारी थे जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई 3 मॉडल रेलवे स्टेशन क ा प्लेटफार्म नंबर चार चौथे दर्जे का ही रह गया है। यह प्लेटफार्म अभी तक इस लायक नहीं बन पाया कि यहां कोई यात्री बैठक सके। जगह जगह रेत बालू गिट्टी मिट्टी पड़ी हुई है। पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। प्लेटफार्म खुदा हुआ है तो उसे बनाने वाले श्रमिक गायब हैं। हालात इतने बदतर है कि इसमें सिर्फ इंजन खड़े किए जा रहे हैं जबकि इस प्लेटफार्म से इंदौर ,भोपाल, आमला, ग्वालियर दिल्ली के लिए ट्रेन मिलती है। 4 रेलवे विभाग अपने कर्मचारियों को अब भी पुराने तरीके से ही पानी पिला रहा है। इस व्यवस्था से हर साल गर्मियों में क र्मचारियों के लिए पानी की किल्लत मच जाती है। दरअसल कालोनियों में १५-२० घरों के लिए एक छोटी लोहे की टंकी बनाई गई है जिनमें बोर से पानी भरा जाता है। बोर से पानी भरने के बाद इन्हे घरों के लिए सप्लाई किया जाता है। जबकि बड़ी कालोनियों के लिए बनाई गई सबा लाख लीटर की बड़ी टँकियों के नीचे कुंआ बनाकर रखा है जिसमें बोर का पानी भरा जाता है और कुंए में ब्लीचिंग पावडर डालने के बाद टंकियों में पानी भरा जाता है। जो स्टेशन एवं अन्य रेलवे क्वाटरों में सप्लाई होता है। बता दें कि इन टंकियेां से दूसरी मंजिल की रखी छत की टंकी तक पानी नहीं पहुंच पाता है। इस लिए रेलवे के अधिकारियों ने तीन लाख लीटर पानी की सप्लाई के लिए निगम को भी आवेदन किया हुआ है।