भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्मदिन गणेश चतुर्थी के नाम से मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती के घर उनके छोटे पुत्र गणेश का आगमन हुआ था, इसकी खुशी में पूरे देश में 9 दिनों तक गणेशोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भगवान गणेश के 12 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों में पूजा करने से भगवान गणेश जल्द प्रसन्न होते हैं, भक्तों के सभी विध्न हर लेते हैं और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।गणेश चतुर्थी इस बार 2 सितंबर को मनाई जाएगी। अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर को आस्था के साथ प्रतिमा विसर्जन होगा। वैसे तो हर साल तीज व्रत के दूसरे दिन भगवान श्रीगणेश की स्थापना की जाती है, लेकिन इस बार ग्रहों, नक्षत्रों व मुहूर्त का योग ऐसा बना है कि तीज के दिन ही भगवान श्रीगणेश की स्थापना करना शुभ होगा। इससे सभी कष्ट दूर होंगे और तीज व्रत से स्त्रियों को सौभाग्य मिलेगा।इसे कष्ट निवारण योग के रूप में भी देखा जा सकता है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष में भगवान शिव परिवार की उपासना के तीन विशेष संयोग बन रहे हैं ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशांत राज के अनुसार, अमृत चौघड़िया में सुबह 6:10 से 7:44 तक और अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:01 से 12:55 तक मूर्ति स्थापना करना शुभ होगा। वहीं, हरितालिका तीज 1 सितंबर यानी कि रविवार को सुबह 8 बजकर 28 मिनट के बाद लगेगी। जो उसके अगले दिन सोमवार यानी 2 सितंबर को सुबह 8 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में जो लोग उदयीमान तिथि में व्रत रखना चाहते हैं वे दो सितंबर को व्रत रखें। एक सितंबर को भी व्रत रख सकते हैं।