पोला पर्व के दूसरे दिन पांढुर्णा और साबरगांव के बीचों बीच जाम नदी में हुए गोटमार मेले में करीब 8 घंटे तक लगातार पत्थरबाजी होते रही और इस पत्थरबाजी में 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए। सुबह 10 बजे से शुरू हुए गोटमार खेल में पांढुर्ना और सावरगांव दोनों ओर से खिलाड़ियों ने जमकर पत्थर बरसाए। गोटमार मेले की यह परम्परा संभवत: पूरे विश्व में कही नहीं है । गोटमार मेले में सात साल बाद पांढुर्णा के युवाओं ने झण्डा तोड़ा । झण्डा टूटने के बाद ही पत्थरबाजी का यह खूनी खेल समाप्त होता है।झण्डा टूटने के बाद दोनो पक्ष एक दूसरे के गले मिलते है और फिर सामुहिक रुप से चंडी माता मंदिर में ध्वज चढाया जाता है।गोटमार मेले के दौरान पांढुर्णा में पूरा जिला प्रशासन मौजूद रहा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा, एसपी मनोज राय, एडीएम राजेश शाही सहित जिले के सातो अनुभागो के एसडीएम, एसडीओपी, 20 टीआई , 42 निरीक्षक सहित पुलिस और एसएएफ की बटालियन मेले में मौजूद रही। जिला प्रशासन ने पूरे मेले की वीडियो रिकार्डिंग करवाई ।