मध्यप्रदेश में राजनीति का बाजार गर्म है । प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है जिसके मुखिया कमलनाथ है , लेकिन कांग्रेस में ही इन दिनों आपसी सियासी घमासान चरम पर है । कमलनाथ कैबिनेट में वन मंत्री उमंग सिंघार ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है । उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। इन आरोप के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें तलब किया और हिदायत दी । सीएम ने उमंग सिंघार को घर की बात घर में ही रखने की नसीहत भी दी है। उधर मामला हाईकमान के पास पहुंच गया है, जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिग्विजय सिंह को तलब किया है। वही वन मंत्री उमंग सिंघार ने भी ई-मेल कर सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। बुधवार सुबह वन मंत्री उमंग सिंघार मीडिया के सामने आए और अपनी बात रखी। उन्होने कहा कि मैंने अपनी बात मुख्यमंत्री कमलनाथ और संगठन के सामने रख दी है। उन्होंने कहा मेरे और मुख्यमंत्री के बीच की बात निजी है। इसके अलावा उन्होने मीडिया की किसी भी बात का जवाब नहीं दिया, लेकिन उनके इशारे से लग रहा है कि वह अपनी बात पर अभी भी कायम है। अब इस महाभारत की अगली कड़ी में दिग्विजय समर्थक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सिंघार के घर के बाहर प्रदर्शन किया और उमंग सिंघार का पुतला जलाया। वहीं कांग्रेस मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को असामजिक तत्व करार कर दिया । हालांकि प्रदर्शन करने वाले मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सुबोध जैन सहित कई कांग्रेसी कार्यकर्ता थे जिन्हे शोभा ओझा असाजिक तत्व बोल रही है । वहीं इन सब के बीच अब निर्दलीय विधायकों के सुर भी मुखर आने लगे है । निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने कहा कि हमने कांग्रेस पार्टी को अपना समर्तन दिया लेकिन कांग्रेसी आपस में ही लड रहे है जिससे हमारा भविष्य अंधकार में है। हालांकि सीएम कमलनाथ ने बीच बचाव कर मामला शांत करने की कोशिश की है, बुधवार को सीएम सभी मंत्रियों को मंत्रालय तलब किया है जहां सीएम सभी मंत्रियों को बयानबाजी में नियंत्रण रखने की सख्त हिदायत देंगे । अब देखना होगा कि कांग्रेस की आपसी गुटबाजी से प्रदेश की राजनीति किस ओर मुड़ती है।