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राज्य
20-Sep-2019

1 मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भोपाल और इन्दौर मेट्रो प्रोजेक्ट में भोपाल के मंडीदीप और एयरपोर्ट तथा इन्दौर के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी जोड़ने को कहा है। नाथ ने यह निर्देश मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के संचालक मंडल की मंत्रालय में हुई बैठक में दिए। बैठक में लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा एवं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह उपस्थित थे। 2 बारिश से हुई बर्बादी पर सियासत के बीच अब बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला हैद्य वहीं उन्होंने सरकार पर भी वार किया है और कमलनाथ को विजनलेस मुख्यमंत्री बताया हैद्य बीजेपी नेता प्रभात झा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस नेताओं और सरकार पर करारा हमला बोला हैद्य झा ने सिंधिया को लेकर कहा कि ष्कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार पीड़ितों के लिए बहुत काम कर रही है। 3 मध्य प्रदेश कांग्रेस को अपने नए प्रदेश अध्यक्ष का लंबे समय से इंतजार है।। प्रदेश में सबसे प्रबल दावेदारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे आगे चल रहा है। सिंधिया समर्थक उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग पर अड़े। इस बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता और पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सिंधिया को सर्वमान्य नेता बताया और कहा कि उनके समर्थक तो उन्हें ही प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहते हैं। प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव शिवपुरी पहुंचे थे। उन्होंने यहां मीडिया से चर्चा के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की। 4 नगर निगम के इंजीनियर को हनीट्रैप में फंसाकर तीन करोड़ रुपए की मांग करने के मामले में पकड़ी गई महिलाओं ने पूछताछ में रसूखदार नेताओं सहित प्रशासनिक अफसरों को भी इसी तरह शिकार बनाना कबूला है। गिरफ्तार एनजीओ संचालिका ने आपत्तिजनक वीडियो बना लिए थे। वह सरकारी विभागों में सेंध लगाकर लाखों रुपए का अनुदान और ठेके लेती थी। 5 पिछले पांच दिनों से बाढ़ की चपेट में आए ग्वालियर अंचल के तीनों जिलों में हालात कुछ हद तक संभले हैं। इसके बावजूद अभी भी मुरैना के 18 और भिंड के 68 गांवों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में लोग अभी भी शिविरों में रुके हुए हैं। बाढ़ से हजारों हैक्टेयर में बोई गई फसल बर्बाद हो गई है। साथ ही घरों में भी खासा नुकसान हुआ है। मुरैना में पुराने राजघाट पुल से पानी नीचे उतर गया है, लेकिन अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। इस बीच प्रशासन ने नुकसान का सर्वे करवान शुरू कर दिया है।