1 इंदौर में आयोजित किये जा रहे मैग्नीफिसेंट एमपी कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिएद्य मैग्निफिसेंट एमपी की तैयारियों की अब तक हुई प्रगति और इसमें शामिल होने वाले निवेशकों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने आयोजन के दौरान होने वाले विभिन्न संवाद सत्रों पर भी विस्तार से चर्चा की। इसके अलावा कार्यक्रम में बैठक व्यवस्था व समय को लेकर भी चर्चा की गईद्य 2 मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मंत्री गौरी शंकर शेजवार के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. शिवराज और गौरी शंकर पर नर्मदा नदी के किनारे 6 करोड़ से अधिक पौधे लगाने में धांधली का आरोप है.वन मंत्री उमंग सिंघार ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) को पत्र लिखकर जांच करने के लिए कहा है. इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा वन अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाएगी. 3 इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी ही पार्टी के खिलाफ आक्रमक तेवर अपनाए हुए है। कांग्रेस को आत्म चिंतन करने की नसीहत देने के बाद सिंधिया ने एक बार फिर अपनी ही सरकार को घेरा है ।अब सिंधिया ने किसान ऋण माफी को लेकर सवाल उठाए है।सिंधिया ने कहा- किसानों का जो कर्जा माफ हुआ है वो पूर्ण रूप से नही हुआ है। केवल 50 हजार का कर्जा माफ हुआ है जबकि 2 लाख का बोला था। इसलिए दो लाख का कर्जा माफ होना चाहिए।सिंधिया ने इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। 4 कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चम्बल के दौरे पर हैं, उनके इस दौरे से अंचल की राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच सिंधिया के स्वागत में लगे पोस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की फोटो को लेकर सियासत गरमा गई हैद्य इस पोस्टर में सिंधिया के साथ पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की फोटो भी लगाई गई है और सिंधिया को श्रीमंत कहकर संबोधित किया गया है। इस फोटो में सिंधिया द्वारा मोदी सरकार के धारा 370 हटाने के फैसले के समर्थन का जिक्र किया गया है । 5 भोपाल को दो हिस्सों में बांटने केसरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा अब खुलकर विरोध में उतर आई हैद्य इस बटवारे के खिलाफ बीजेपी सड़कों पर उतरेगी और हस्ताक्षर अभियान चलाएगीद्य भोपाल के मानस भवन में दो अलग-अलग नगर निगम बनाए जाने के कमलनाथ सरकार के प्रस्ताव के विरोध में आयोजित बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका कडा विरोध करते हुए कहा जब देश में चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद जैसे बड़े महानगरों में एक ही नगर निगम है, फिर भोपाल नगर निगम का बंटवारा करने की जरूरत सरकार को क्यों पड़ीद्य