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राज्य
08-Nov-2019

1 चक्रवात महा का असर अभी खत्‍म नहीं हुआ था कि अब चक्रवात बुलबुल का खतरा बढ़ गया हैद्य बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात श्बुलबुलष् का असर मध्यप्रदेश में नहीं पड़ेगा। लेकिन अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान श्महाश् का असर प्रदेश में जरूर देखने को मिल रहा हैद्य गुरुवार को राजधानी भोपाल समेत राज्य में कई स्थानों पर बारिश हुईद्य सक्रीय चक्रवाती तूफान श्महाश् का प्रभाव प्रदेश से कमजोर हुआ है हालांकि, जाते जाते इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है। 2 प्रदेश की जनता को वचन देकर सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार अगले महीने एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। साल भर में कितने वचन निभाए, इसका हिसाब सरकार जनवरी में रख सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोपनीय तौर पर सभी विभाग प्रमुख एवं विभागीय मंत्रियों को इसके संकेत भी दे दिए हैं। जनवरी में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस के नेता जनता के बीच जाकर बताएंगे कि सरकार ने कितने वचन पूरे कर लिए हैं। 3 मध्यप्रदेश के सागर जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने सहकारिता विभाग के स्टेनोग्राफर को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।आरोप है कि स्टेनोग्राफर ने समिति प्रबंधक से उसके पक्ष में एक आदेश जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। लोकायुक्त ने आरोपी स्टेनोग्राफर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। 4 मध्यप्रदेश के विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चली है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए है। सत्र के हंगामेदार होने के आसार है। एक तरफ जहां नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों को तैयार रहने और उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है, वही दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।कैबिनेट मंत्री का कहना है कि सत्र में मंत्री-विधायकों की संपत्ति का खुलासा किया जाएगा, इसके लिए सरकार विधानसभा में संकल्प लाएगी।सरकार के इस कदम से बीजेपी में खलबली मच गई है। 5 केंद्र के समान महंगाई भत्ता सहित 24 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर गुरुवार को मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के आहवान पर कर्मचारियों ने प्रदेश के सभी ब्लॉक एवं तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपे गए। संघ के प्रांताध्यक्ष ओपी कटियार ने बताया कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता दे चुकी है, जबकि राज्य सरकार अभी तक जारी नहीं कर सकी। अन्य मांगों भी वर्षों से लंबित हैं, जिनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। राजधानी के सतपुड़ा भवन में कर्मचारी एकत्रित हुए और शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री सचिवालय में ज्ञापन सौंपा गया।