Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
व्यक्तित्व
05-Dec-2019

गुरुवर कि आज्ञा मिलतें ही 17 दिन मे 410 किलोमीटर का पद बिहार करतें हुए 16 वर्ष 5 माह 13 दिन के लंबे इंतजार के बाद मुनिश्री समतासागर जी ऐलक श्री निश्चय सागर जी ने सिधदोदय तीर्थ क्षैत्र नेमावर में अपने गुरू आचार्यश्रीविद्या सागरजी के दर्शन कर पद पृछाल करे तो भाव विभोर हो गए । दोनों ने अपने गुरू के पाद प्रक्षालन किए ओर गंधोदक को अपनें मस्तिष्क पर लगाया । राष्ट्रीय संत शिरोमणि आचार्य गुरूवर 108श्री विद्या सागरजी महाराज साहब के परम शिष्य मुनिश्री समतासागर जी ओर ऐलक श्री निश्चय सागर जी राजस्थान के घाटोल मे चातुर्मास प्रवास पर थे गुरू आज्ञा मिलने पर गुरू दर्शन को आतुर शिष्य 17 नवम्बर को घाटोल से लगभग 410 किलोमीटर का पद बिहार करतें हुए सिधदोदय तीर्थ क्षैत्र नेमावर पंहुचे दोनो को इसके पूर्व 21जून 2003 को गुरुवर दर्शन व संघ का सानिध्य मिलने का सोभागय मिला था । गुरू दर्शन के पूर्व जयेषठ मुनिश्री प्रमाण सागर जी मुनिश्री समतासागर जी मुनिश्री अजित सागरजी मुनिश्री विराट सागरजी मुनिश्री अरहर सागरजी मुनिश्री संभवसागरजी के सानिध्य में संघसथ मुनिश्री ब्रहमचारी भैयया जी बृहमचारिणी दीदीया ओर अपार जन समुदाय नेमावर की नगर सीमा से आगे पंहुचकर अगवानी कर भाव विभोर हो गये । राजस्थान से आये श्रावक श्राविकाओ ने साफा बांधकर महिलाए मंगल कलश लिए दिव्य घोष धर्म ध्वजा ओर जयकारो भजनो के साथ जैन बैंड पर भक्ति भाव म विभोर हो नृत्य कर चल रहे थे