जैन धर्म के बारे में सहज एवम् सरल शब्दों में केरल के बेलूर मठ के आचार्य स्वामी ब्रम्हेशानंद ने 8 वर्ष पूर्व सनातन धर्म के साधु संतों की धर्म सभा में जैन धर्म के णमोकार मंत्र, जैन धर्म के सिद्धांत, अहिंसा का सामाजिक जीवन में क्या महत्व है। सम्यक दर्शन, ज्ञान, चारित्र, क्षमा, रात्रि भोजन, इत्यादि के बारे में साधु संतों के बीच में जिस सहज और सरल तरीके से जैन धर्म के सिद्धांतों की व्याख्या जिस सहज और सरल तरीके से की है वह अद्भुत है। वर्तमान संदर्भ में जैन धर्म के सिद्धांत क्यों मानव समाज के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। इसका विश्लेषण करते हुए सभी धर्म के समुदाय को जैन धर्म के सिद्धांतों को अपने जीवन में क्यों मानना चाहिए। इसका अद्भुत विश्लेषण किया है। सभी लोगों को जैन धर्म के सिद्धांतों को वर्तमान संदर्भ में मानव समाज के लिए किस तरह उपयोगी हैं यह बताया