कोरोना महामारी के बाद हुए पहले टेनिस टू्र्नामेंट की विजेता बनी फियोना पालेर्मो (ईएमएस)। कोरोना महामारी के बाद हुए पहले आधिकारिक टेनिस टूर्नामेंट में फ्रांस की फियोना फेरो ने जीत दर्ज की है। फियोना ने पालेर्मो लेडीज ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में एस्टोनिया की एनेट कोंटावीट को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। दुनिया की 53वें नंबर की खिलाड़ी फियोना ने कोंटावीट को 6-2, 7-5 से हराकर सबको हैरान कर दिया। फ्रांसीसी खिलाड़ी को फाइनल तक के अपने सफर में केवल एक सेट में हार का सामना करना पड़ा। फियोना का यह दूसरा डब्ल्यूटीए खिताब है। गौरतलब है कि मार्च में कोरोना वायरस के कारण टेनिस स्पर्धाएं निलंबित होने के बाद से ही यह पुरुष और महिला वर्ग का पहला टेनिस टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट में कड़े स्वास्थ्य नियमों का भी पालन किया गया। इस दौरान कोर्ट पर कम ‘बॉल किड्सश् मौजूद थे इसके अलावा केवल कुछ ही दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति थी। खिलाड़ियों के लिए मैच के बाद हाथ मिलाने पर रोक थी। इस टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों और अधिकारियों का हर चार दिन में कोराना वायरस परीक्षण किया गया था। अगले महीने से अभ्यास करेंगे ऑलराउंडर शाकिब ढाका (ईएमएस)। बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं। इसके लिए वह सितंबर से अभ्यास शुरु करेंगे। शाकिब पर आईसीसी के भ्रष्टाचार रोधी नियम के उल्लंघन को देखते हुए दो साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था जो 29 अक्टूबर साल 2020 को समाप्त होगा। शाकिब इस समय अपने परिवार के साथ अमेरिका में हैं और वह अगस्त के अंत में स्वदेश वापसी की योजना बना रहे हैं जिससे वह अभ्यास शिविर में भाग ले सकें। शाकिब के मेंटॉर नजमुल अबेदीन ने कहा, ष्शाकिब अगले महीने अभ्यास के लिए आयेंगे। जहां उनको प्रशिक्षक और ट्रेनर मिलेंगे। हमारे पास ऐसे कोच हैं जो कैम्प में ही रह रहे हैं, इसलिए हम उनके साथ काम कर सकते हैं। शाकिब को हर सुविधा मिलेगी।ष् शाकिब ने अब तक 56 टेस्ट मैच खेले हैं। इसके अलावा उन्होंने 206 एकदिवसीय और 76 टी-20 मैच भी खेले हैं। पिछले साल इंग्लैंड में हुए विश्व कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। बटलर को टीम में बनाये रखें रू वॉर्न मैनचेस्टर (ईएमएस)। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न ने कहा है कि जोस बटलर एक शानदार खिलाड़ी हैं और उन्हें इंग्लैंड की टेस्ट टीम में स्थायी रुप से रखा जाना चाहिये। पिछले कुछ समय में खराब प्रदर्शन के कारण बटलर को टीम में रखे जाने पर सवाल उठे थे। पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में बटलर की विकेटकीपिंग भी अच्छी नहीं रही थी पर बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने शानदार अर्धशतक लगाकर टीम को हार से बचाया। खराब विकेटकीपिंग के कारण बटलर की काफी आलोचना हुई थी पर बटलर ने दूसरी पारी में कठिन हालातों में क्रिस वोक्स के साथ शतकीय साझेदारी कर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वॉर्न ने कहा, ‘बटलर को हमेशा ही टीम में शामिल किया जाना चाहिए। वह एक बहुत अच्छे और विश्वसनीय विकेटकीपर हैं, हालांकि हर खिलाड़ी की जिंदगी में खराब दौर आता है जिससे बटरल भी हाल में गुजरे हैं। इस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ने कहा, ‘बटलर को अपनी क्षमताओं, खासकर बल्लेबाजी के कारण, हमेशा आपकी टीम में होना चाहिए। उनकी विकेटकीपिंग भी ठीक है, वह शांत रहते हैं और उनमें टीम का नेतृत्व करने वाले गुण हैं। वह एक संपूर्ण खिलाड़ी की तरह हैं।’वॉर्न ने कहा, ‘उन्हें अपने पर भरोसा था कि वह कठिन हालातों से बाहर निकाल सकते हैं और उनकी इस बात ने मुझे खास प्रभावित किया।’ बांग्लादेश का पूर्व स्पिनर कोरोना पॉजिटिव पाया गया बांग्लादेश के पूर्व स्पिनर मुशर्रफ हुसैन कोरोना वायरस परीक्षण में पॉजिटिव पाने के बाद से ही पृथकवास में चले गये हैं। मुशर्रफ ने बांग्लादेश की ओर से पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। कोविड-19 परीक्षण का परिणाम आने के बाद वह अपने घर में ही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने भी कोरोना के कुछ लक्षणों का अनुभव किया और इसके बाद जांच में पॉजिटिव पाया गया। मैं अब तक ठीक हूं और घर में ही पृथकवास से गुजर रहा हूं।’’ वहीं मेरी पत्नी और बच्चे हालांकि नेगेटिव पाए गए हैं। उम्मीद है कि वह इस बीमारी से उबरने के बाद इस साल घरेलू सर्किट में वापसी करेंगे। इससे पहले पूर्व कप्तान मशरेफ मुर्तजा और दो अन्य बांग्लादेशी क्रिकेटर नजमुल इस्लाम और नफीस इकबाल भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे। गेंदबाजों का भी हौंसला बढ़ाते हैं धोनी रू मुरलीधरन कोलंबो (ईएमएस)। श्रीलंका के महान स्पिनर रहे मुथैया मुरलीधरन ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसा करते हुए कहा है कि अगर किसी गेंदबाज की अच्छी गेंद पर छक्का पड़ जाए तो धोनी गेंदबाज के लिए भी ताली बजाते हैं। मुरलीधरन ने साल 2007 टी20 विश्व कप को याद करते हुए कहा, धोनी ने तब शानदार कप्तानी कर जीत दर्ज की। उनको पता होता था कि यदि गेंदबाज काम नहीं कर पा रहा है तो वे उस गेंदबाज को स्वयं ही क्षेत्ररक्षण लगाने का अवसर देते थे। उन्होंने कहा, वहीं अगर कोई बल्लेबाज अच्छी गेंद पर छक्का लगा देता था तो वह धोनी गेंदबाज का हौंसला बढ़ाने के लिए ताली बजाते थे। वह गेंदबाज को बताते थे कि यह एक अच्छी गेंद है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बल्लेबाज ने आपको छक्का मारा है क्योंकि बल्लेबाजों में भी बड़े शॉट खेलने की प्रतिभा होती है। इसके साथ ही धोनी गेंदबाज को अकेले बुलाकर बताते थे कि आपको क्या करना है। उन्होंने कहा है, धोनी शांति के साथ सोचने की क्षमता रखते हैं और यही कारण है कि वह इतने अच्छे कप्तान बने। यही धोनी की सफलता का भी राज है।