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व्यापार
01-Sep-2020

मंगलवार को कारोबार के दूसरे दिन बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ खुला। बीएसई सेंसेक्स आज 125 अंकों की बढ़त के साथ 38,754 अंकों पर खुला है। वहीं निफ्टी 11,450 के स्तर पर खुला। सेंसेक्स 39 हजार के स्तर के करीब और निफ्टी 11,500 के स्तर के करीब कारोबार कर रहा है। फ्यूचर रिटेल के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट है। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी शख्सियत हमेशा याद की जाएगी मनमोहन सरकार में प्रणब मुखर्जी 2009 से 2012 तक भारत के वित्त मंत्री रहे. देश की बदलती स्थितियों पर भी उनकी लगातार नजर रहती थी. इसलिए 25 साल बाद एक बार फिर उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर ले जाने का जिम्मा मिला था. प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल के दौरान ही साल 2010 में देश की जीडीपी ग्रोथ 8.50 फीसदी दर्ज की गई थी, जो साल 2000 से 2020 के दौरान सबसे अधिक है. वित्तवर्ष 2020-2021 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर शून्य से 24 फीसदी तक नीचे जाने पर आर्थिक विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। साथ ही सरकार को सुझाव दिया है कि अगर निवेश और खपत बढ़ाने पर जोर दिया जाए तो अंतिम तिमाही तक विकास दर में सुधार किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था को पहली तिमाही में 13 लाख करोड़ की चपत लगी है। अगर त्योहारी सीजन में सरकार खपत बढ़ाने में सफल रहती है, तो हम उम्मीद जता सकते हैं कि चैथी तिमाही (दिसंबर-मार्च) में जीडीपी वृद्धि दर में सुधार आ सकता है। इसके लिए सरकारी निवेश को पिछले साल के स्तर तक ले जाना जरूरी है। आरबीआई की ओर से कर्जदारों को राहत के लिए 31 अगस्त तक दी गई मोरेटोरियम सुविधा का लाभ उठाने वाली 75 फीसदी कंपनियों की वित्तीय हालत महामारी से पहले ही खराब थी। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को जारी एक सर्वे में बताया कि अर्थव्यवस्था की सुस्त गति का असर पिछले साल ही कंपनियों पर दिख रहा है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, देशभर में गैर-वित्तीय क्षेत्र की 2,300 कंपनियों पर किए सर्वे में पता चला है कि तीन चैथाई कंपनियां पहले से ही कर्ज भुगतान को लेकर दबाव झेल रही थीं। कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन शुरू होने के बाद आरबीआई ने मार्च से अगस्त तक ईएमआई भुगतान पर छूट दी थी। ऐसा माना जा रहा था कि इस बार गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि होगी, लेकिन सरकार ने इस मामले में लोगों को राहत प्रदान की। इस बार गैर सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर 14.2 किग्रा की कीमत में इजाफा नहीं हुआ और कुछ शहरों में इसके दाम कम हुए। इसी तरह 19 किलो वाले सिलेंडर के दामों में कटौती की गई और इसके लिए ग्राहकों को कम कीमत चुकानी होगी। गैर सब्सिडी वाला सिलेंडर (14.2 किलो) की कीमत कोलकाता और चेन्नई में थोड़ी कम हुई है। कोलकाता में इसकी कीमत अब 620.50 रुपए हो गई है, जबकि पिछले महीने यह 621 रुपए में मिल रहा था। इस तरह कोलकाता में इसकी कीमत में 50 पैसे की कमी आई है।