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व्यापार
07-Sep-2020

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजारों की शुरुआत धीमी, लेकिन हरे निशान के साथ हुई, मगर थोड़ी देर बाद ही बाजार पर मुनाफावसूली हावी हो गई. फिलहाल सेंसेक्स 200 अंकों से ज्यादा की तेज गिरावट के साथ 38100 के ऊपर कारोबार कर रहा है. जबकि निफ्टी में 50 अंकों से ज्यादा की गिरावट है, ये 11270 के आस-पास कारोबार कर रहा है. निफ्टी बैंक में भी तेज गिरावट है, ये भी 150 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है. शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए थे और सबसे ज्यादा पिटाई बैंकिंग शेयरों की हुई थी. सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज डीजल की कीमत में 10 से 12 पैसे की कमी की गई है। हालांकि पेट्रोल की कीमत पहले की तरह ही है। इससे पहले 30 जुलाई को दिल्ली सरकार ने डीजल के दाम मेें 8.36 रुपये की कटौती थी जिससे दिल्ली में डीजल का दाम बाजार में 73.56 रुपये प्रति लीटर हो गया था। सोमवार को कारोबार के पहले दिन बीएसई और निफ्टी गिरावट के साथ खुला। फ्यूचर रिटेल और बंधन बैंक के शेयर में गिरावट है। इसके अलावा निफ्टी-50 में यूपीएल और जेएसब्ल्यू स्टील का शेयर 1-1 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। इससे पहले शुक्रवार को बीएसई 665 अंक और निफ्टी 173 पॉइंट की के साथ खुला था। शुक्रवार को कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 633.76 अंक नीचे 38,357.18 पर और निफ्टी 170.20 अंक गिरावट के साथ 11,357.25 पर बंद हुआ। बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारियों का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी की मार से प्रभावित वर्तमान दौर में बैंक 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर्जों का पुनगर्ठन कर सकते हैं। इनमें से ज्यादातर कर्ज विमानन, व्यावसायिक अचल सम्पत्ति और होटल कारोबार जैसे पांच-छह अधिक प्रभावित व्यावसायिक क्षेत्र की इकाइयों के होंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह ही बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को कोविड-19 के कारण संकटग्रस्त खातों के कर्ज का एक बार के लिए पुनर्गठन करने की योजना शुरू करने की अपील की थी। उन्होंने बैंकों से यह काम 15 सितंबर तक चालू करने को कहा था। चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर शून्य से कुछ ऊपर रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि लॉकडाउन के बाद भी पहली तिमाही में कृषि जैसे क्षेत्र तथा आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं का काम पूरी तरह से चल रहा था। एक रिपोर्ट में यह संभावना व्यक्त की गयी है, जिसका सह-लेखन रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने किया है। रंगराजन और ईवाई इंडिया के प्रमुख नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गयी रिपोर्ट ‘भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं एवं नीतिगत विकल्परू महामारी के प्रकोप से बाहर निकलना’ में महामारी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव की कहानी का वर्णन किया गया है। अब भारत के बड़े बंदरगाहों पर चाइनीज या किसी अन्य देशों के बने टगबोट नहीं चल पाएंगे। केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय ने फैसला किया है कि अब भारत के मेजर पोर्ट पर सिर्फ भारत में ही बने टगबोट खरीदे या किराये पर लिये जाएंगे। इससे मेक इन इंडिया अभियान को तो धार मिलेगी ही, सुस्त पड़े भारतीय शिपयार्ड उद्योग को भी एक नई जान मिलेगी। अभी तक अधिकतर बंदरगाहों पर चाइनीज टगबोट का ही दबदबा है। सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में बीते सप्ताह 1,11,799.05 करोड़ रुपये की गिरावट आई। आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक नुकसान हुआ। सप्ताह के दौरान सिर्फ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी दर्ज हुई। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,110.13 अंक या 2.81 प्रतिशत नीचे आया। डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सुप्रीम से कहा कि 25 मार्च से 3 मई 2020 तक (लॉकडाउन के पहले दो चरण) के एयर ट्रैवल के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की टिकट बुकिंग पर पूरा रिफंड मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजीसीए ने शीर्ष अदालत से कहा कि लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकट का रिफंड नहीं किया जाना और विमानन कंपनियों द्वारा क्रेडिट शेल बनाना सिविल एविएशन की जरूरतों और एयरक्राफ्ट रूल्स ऑफ 1937 का उल्लंघन है। एक याचिका आने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को एक नोटिस जारी किया था। सऊदी अरब ने अक्टूबर में बिक्री के लिए अपने तेल की कीमत घटा दी है। इससे यह पता चलता है कि पूरी दुनिया में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने से तेल बाजार में हाल में बढ़ी मांग में फिर से कमजोरी आ रही है। इससे पहले इसी साल मार्च में भी सऊदी अरब ने अपने तेल की कीमत घटाकर प्राइस वार शुरू कर दी थी, जिसके बाद क्रूड की वैश्विक कीमत में रिकॉर्ड गिरावट आई थी। निजी क्षेत्र के प्रमुख वित्तीय संस्थान एचडीएफसी लिमिटेड ने प्रधानमंत्री आवास योजना की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत 2 लाख से ज्यादा घर खरीदारों को लोन दिया है। एचडीएफसी की ओर रविवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि इन घर खरीदारों को 47,000 करोड़ से ज्यादा की राशि का लोन दिया गया है। यह लोन आर्थिक रूप से कमजोर, लो इनकम ग्रुप और मिडिल इनकम ग्रुप के घर खरीदारों को दिया गया है।