International News: कश्मीर मुद्दे को लेकर इतने गदगद क्यों है पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ? संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में टर्की के कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर पाकिस्तान ने खुशी जाहिर की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोवान को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कश्मीरियों का जिक्र करने के लिए शुक्रिया अदा किया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, "संयुक्त राष्ट्र महासभा में एर्दवान ने कश्मीरियों के अधिकारों के लिए एक बार फिर से आवाज उठाई जिसकी मैं तहे दिल से सराहना करता हूं. टर्की कश्मीरियों के आत्म-निर्णय के वैध संघर्ष के लिए ताकत का एक स्रोत बना हुआ है." अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चिंता जाहिर की है। ट्रम्प के मुताबिक, परिणाम आने के बाद शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण (पावर ट्रांसफर) होने का वे वादा नहीं कर सकते। राष्ट्रपति ने कहा- मैं वोटिंग को लेकर पहले ही अपनी शिकायतें बता चुका हूं। इसलिए ये देखना होगा कि आखिर में क्या होता है। ट्रम्प ने कहा- हो सकता है कुछ चीजों को फैसला सुप्रीम कोर्ट में हो। इसलिए, वहां जजों की पूरी बेंच होनी चाहिए। यूरोपीय यूनियन 1 अक्टूबर से मॉरीशस के साथ 22 देशों को ब्लैकलिस्ट करने जा रहा है। आरोप है कि इन देशों से ब्लैक मनी और आतंकी गतिविधियों की फंडिंग जोरों पर है। भारत में आनेवाली एफडीआई में पिछले साल म़ॉरीशस दूसरे नंबर पर रहा था, वह भी तब जब मॉरीशस की जीडीपी दुनिया में 123 वें नंबर पर है। भारत इस बात पर बिल्कुल चिंता नहीं कर रहा है। इसके जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था में ब्लैक मनी आ रही है। यह एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। पाकिस्तान में फौज पर सवाल खड़े करना लगभग नामुमकिन माना जाता है। लेकिन, अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी खुलकर फौज की सियासत में दखलंदाजी का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों के निशाने पर प्रधानमंत्री इमरान खान से ज्यादा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा हैं। मरियम ने बुधवार को मीडिया से कहा- सियासी या मुल्क से जुड़े मामलों का फैसला संसद में होना चाहिए, आर्मी हेडक्वॉर्टर में नहीं। इंग्लैंड में 14 सर्जन की टीम और एक रोबोट ने मिलकर कैंसर के मरीज की सर्जरी की। यह दुनिया की पहली ऐसी सर्जरी है जिसमें इतने विशेषज्ञों के साथ रोबोट भी शामिल है। रेक्टल कैंसर की एडवांस स्टेज से जूझ रहे मरीज की सर्जरी जुलाई में हुई थी। यह एक तरह का प्रयोग था जिसकी मदद से ये जाना गया कि एक साथ एक समय में कितने सर्जन्स मिलकर ऑपरेशन कर सकते हैं और सर्जरी में लगने वाला समय कितना घटाया जा सकता है। 71 साल के योशिहिदे सुगा के जापान का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही कहा जा रहा है कि देश में एक बार फिर अल्पकालिक सरकारों का दौर शुरू हो सकता है। 2012 से 2020 तक शिंजो आबे देश के प्रधानमंत्री रहे। वहीं, 2012 से पहले जापान में 19 प्रधानमंत्री बने। 8 साल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री आबे ने 28 अगस्त को स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जापान के पूर्व सेक्रेटरी योशिहिदे सुगा को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाया गया। इस खबर में हम सुगा और उनके पीएम बनने से जापान और भारत के संबंधों पर क्या असर होगा, इसके बारे में जानेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शासनकाल में चीन और अमेरिका के रिश्ते सबसे खराब दौर में पहुंच गए। कोरोनावायरस, ट्रेड डील, साउथ चाइना सी, ताइवान और जासूसी के मुद्दे पर ट्रम्प ने बिना किसी लाग-लपेट के चीन को कठघरे में खड़ा किया। चुनावी दौर में डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन भी उसी रास्ते पर चलते नजर आ रहे हैं। हालांकि, 2009 से 2017 के बीच जब वे उप राष्ट्रपति थे तब चीन को लेकर उनका रवैया दोस्ताना था। ये बात चीन भी मानता है। लेकिन, अब हालात बिल्कुल अलग हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी कह चुकी है कि उनके ट्रायल फाइनल स्टेज में हैं और अब लोगों को इसमें हिस्सा लेने के लिए आगे आना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा- हम वैक्सीन की चौथी और फाइनल स्टेज में पहुंच चुके हैं। यह हमारे देश के लिए खुशखबरी है। ट्रम्प ने इस दौरान वैक्सीन को मंजूरी देने वाली संस्था एफडीए पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि एफडीए वैक्सीन को मंजूरी देने के मामले में राजनीति विचारों से प्रभावित हो रही है। बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने बुधवार को अचानक एक समारोह में छठी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी। उधर, विपक्ष ने 26 साल के लुकाशेंको के शासन के खिलाफ प्रदर्शन और तेज करने की चेतावनी दी है। लोगों से लुकाशेंको के खिलाफ आगे आने की अपील की है। यूएन में तुर्की की ओर से कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैयप एर्दोआन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 75वें सेशन में यह मुद्दा उठाया था। इस पर यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया- हमने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारे में तुर्की के राष्ट्रपति का बयान देखा। यह भारत के अंदरूनी मामलों में बड़ी दखलअंदाजी है। ऐसी बातें मानने योग्य नहीं हैं। तुर्की को दूसरे देशों की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए। वे अपनी नीतियों पर गहराई से गौर करें।