अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से जहां वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हिस्सा लिया वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बिडेन मैदान में आए। इस डिबेट के होस्ट अमेरिकी समाचार चैनल फॉक्स न्यूज के 72 वर्षीय न्यूज एंकर क्रिस वॉलेस थे। दोनों ही नेता मंच पर चढ़े, लेकिन एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया, ऐसा कोरोना प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए किया गया। ट्रंप और बिडेन 90 मिनट तक चलने वाली इस बहस के लिए पूरी तैयारी के साथ आए। बिडेन ने ट्रंप को अपने आयकर रिटर्न को सार्वजनिक करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ट्रंप ने अरबपति होने के बावजूद सालों से कर नहीं चुकाया है। अमेरिकी चुनाव की शुरुआत हो गई है और अब प्रचार अपने अंतिम चरण में है. बुधवार को अमेरिकी चुनाव की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई, जहां डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन में तीखी बहस हुई. इस दौरान कोरोना संकट को लेकर जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी ड्यूटी में फेल हुए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में आरोप लगाया कि भारत, चीन और रूस जैसे देश अपने यहां का सही आंकड़ा नहीं दे रहे हैं. आप नहीं कह सकते हैं कि वहां पर कितने लोग मरे और कितने कोरोना की चपेट में आए, उनके आंकड़े सही नहीं हैं. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को घेरने के मकसद से चतुष्कोणीय गठबंधन देश (क्वाड) के विदेश मंत्री छह अक्तूबर को जापान के टोक्यो शहर में कूटनीतिक वार्ता करेंगे। क्वाड देशों में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। जापानी मीडिया ने विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी के हवाले से यह जानकारी दी है। मोतेगी ने बताया कि इस बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र के भीतर शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के तौर-तरीकों पर बातचीत होगी। बैठक में भारत के एस. जयशंकर समेत अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और ऑस्ट्रेलिया के मारिज पायने भी शामिल होंगे काकेकस क्षेत्र स्थित अर्मेनिया और अजरबैजान में विवादित नागोरनो व काराबाख इलाकों को लेकर शुरू हुआ भीषण युद्ध जारी है और इस जंग में अब तक 80 से ज्यादा लोगों के मारे जाने के समाचार हैं। तीन दिन से जारी इस युद्ध में सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबरें हैं। जबकि दोनों ही देश एक-दूसरे पर टैंकों, तोपों और हेलीकॉप्टर से घातक हमले करने का आरोप लगा रहे हैं। पाकिस्तान और तालिबान की रुचि शांति समझौते से ज्यादा अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी में है। पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक ने यह बताने के साथ ही साथ चेतावनी दी कि दोहा में चल रही मौजूदा शांति वार्ता विफलता की तरफ बढ़ रही है। अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने सोमवार को कहा कि मैं बातचीत के नतीजों को लेकर बहुत आशावादी नहीं हूं। अमेरिका ने सारी प्रमुख रियायतें सामने रख दी हैं। तालिबान को ये पता है कि अफगानिस्तान से अमेरिका निकलना चाहता है। नीदरलैंड की लूप नामक एक कंपनी ने लकड़ी की बजाय फंगस से बना एक नए तरह का ताबूत बनाया है। शरीर को दफनाने के बाद यह ताबूत ना केवल खुद पूरी तरह से गल कर खत्म हो सकता है, बल्कि उसमें रखे शव को भी पूरी तरह विघटित कर सकता है। मौत के बाद शरीर अपने आप ही धीरे धीरे विघटित होता रहता है, लेकिन इसके निर्माता बॉब हेंड्रिक्स ने बताया कि इस विशेष ताबूत की मदद से मृतक के शरीर को इस तरह विघटित किया जा सकेगा, जिससे वह पेड़ पौधों के लिए पोषक तत्व के रूप में बदल जाए। चीन की वैक्सीन का फाइनल फेज का ट्रायल 12 से ज्यादा देशों में होगा। इनमें पेरू, अर्जेंटीना, ब्राजील, बहरीन, यूएई, मिस्र, पाकिस्तान, तुर्की, मोरक्को, सऊदी अरब, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और रूस जैसे देश शामिल हैं। चीन अपने यहां तीन वैक्सीन तैयार कर रहा है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। चीन में अब तक 85 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 4634 लोगों की मौत हुई है। कुवैत के अमीर शेख सबा अल-अहमद अल-सबा का मंगलवार को अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 91 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। अमीर के निधन की पुष्टि उनके एक मंत्री ने की। शेख जबर अल-सबा के निधन के बाद जनवरी 2006 में शेख सबा कुवैत के अमीर बने थे। वे शेख जबर-अल सबा के चौथे बेटे हैं। अल जजीरा के मुताबिक, शेख सबा जुलाई में इलाज के लिए अमेरिका गए थे। उन्हें लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विमान भेजा था। इस पर कुवैत के क्राउन ने लेटर लिखकर उन्हें थैंक्स कहा था। एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा ने कहा कि वह 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक जर्मनी और भारत के बीच सभी शेड्यूल फ्लाइट्स को कैंसिल करेगा। एयरलाइन के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों की ओर से अक्टूबर में लुफ्थांसा की शेड्यूल फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। कुछ समय से जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा और डीजीसीए के बीच विवाद चल रहा है।