1 अमेरिका में मतदान के दो दिन बाद भी राष्ट्रपति पद की तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। मतगणना के बीच डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन ने 264 निर्वाचक मंडल मतों के साथ निर्णायक बढ़त बना ली है। वहीं, मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप 214 मतों के साथ व्हाइट हाउस की दौड़ में पिछड़ते दिख रहे हैं। ट्रंप कानूनी लड़ाई के फैसले पर आगे बढ़ गए हैं। दूसरी ओर, उनके समर्थक धांधली का आरोप लगाते हुए कई राज्यों में मतगणना केंद्रों के बाहर जुट गए हैं। समर्थकों ने कई जगह हंगामा और प्रदर्शन किया। वहीं डोनाल्ड ट्रंप उत्तरी कैरोलिना में आगे चल रहे हैं जबकि नेवाडा और एरिजोना में बाइडन बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, जॉर्जिया में दोबारा मतगणना से बाइडन का इंतजार और लंबा हो गया है। 2 जो बाइडन 270 इलेक्टोरल वोटों के करीब पहुंच रहे हैं ताकि राष्ट्रपति पद पर जीत हासिल हो सके। उन्होंने प्रमुख बैटलग्राउंड स्टेट पेंसिलवेनिया में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 19,500 वोटों से अपनी बढ़त को बढ़ा लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन को गलत तरीके से राष्ट्रपति पद का दावा करने के खिलाफ चेतावनी दी है। ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, जो बाइडन को राष्ट्रपति के कार्यालय पर गलत दावा नहीं करना चाहिए। मैं भी वह दावा कर सकता था। कानूनी कार्यवाही अभी शुरू हो रही है! 3 एरिजोना की सबसे बड़ी काउंटी में शुक्रवार को रात को हुई वोटों की गिनती से पता चलता है कि बाइडन यहां पर ट्रंप से पिछड़ रहे हैं। मैरिकोपा काउंटी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, बाइडन और ट्रंप के बीच 29,861 वोटों का अंतर है। जो बाइडन आज रात देश को संबोधित करने वाले हैं। सूत्रों ने बताया कि अगर उनके बोलने से पहले तक नतीजों का एलान नहीं होता है तो वह अपनी बढ़त को लेकर बोल सकते हैं। नेवाडा में अभी तक 47 फीसदी बैलट की गिनती हो चुकी है। फिलहाल बिडेन को यहां पर ट्रंप के खिलाफ 22,657 वोटों से बढ़त मिली हुई है। नेवाडा में छह इलेक्टोरल वोट हैं। 4 मतगणना के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक संबोधन शुरू किया जिसे सभी चौनल लाइव प्रसारित कर रहे थे। इस दौरान ट्रंप ने चुनावों में धांधली और फर्जीवाड़े के आरोप लगाने शुरू कर दिए। इस बीच एबीसी, सीबीएस और एनबीसी चौनलों ने ट्रंप के दावों को झूठा बताते हुए राष्ट्रपति के संबोधन का प्रसारण बीच में ही बंद कर दिया। वहीं वाशिंगटन पोस्ट ने अपने संपादकीय में साफ तौर पर लिखा कि चुनाव में फर्जीवाड़े या भ्रष्टाचार के शून्य प्रमाण हैं। ट्रंप के सभी दावे गलत हैं। 5 अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए 3 नवंबर को हुए मतदान में इस बार 120 साल का रिकॉर्ड टूटा। यहां इस बार सबसे अधिक 16 करोड़ लोगों ने मताधिकारों का इस्तेमाल किया। चुनाव पर नजर रखने वाली साइट ‘यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट’ के प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष 23 करोड़ 90 लाख लोग मतदान करने के योग्य थे। उनमें से करीब 16 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। तीन नवंबर के चुनाव में रिकॉर्ड 66.9 फीसदी मतदान हुआ, जो वर्ष 1900 के बाद का सर्वाधिक मतदान है। वर्ष 1900 के चुनाव में 73.7 फीसदी मतदान हुआ था। 6 ट्रंप का प्रचार दल पहले ही पेन्सिलवेनिया, मिशिगन, जॉर्जिया और नवादा में मुकदमे दर्ज करा चुका है। उन्होंने विस्कॉन्सिन में भी मतों की दोबारा गिनती किए जाने की मांग की है। बाइडन के प्रचार दल ने आरोपों से इनकार किया है। बाइडेन ने डेलावेयर में पत्रकारों से कहा, जिस तरह की चीजें हैं, उनसे हम बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। हमें कोई संदेह नहीं है कि गिनती पूरी होने पर मैं और सीनेटर कमला हैरिस (उप राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार) जीत हासिल करेंगे। 7 मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए ट्रंप समर्थकों ने कई शहरों में प्रदर्शन किए। एरिजोना के फीनिक्स स्थित मेरिकोपा काउंटी में चुनाव कार्यालय के बाहर जमा इन लोगों ने काफी हंगामा किया। मिलवॉकी में 50 मतगणना स्थल को घेर कर तेज संगीत बजाया, ताकि मतगणना रुकवा सकें। वाशिंगटन में ट्रंप समर्थकों ने कार और बाइक पर रैली निकालकर शहर को बंद करने की अपील की। लास वेगास में भी 400 समर्थकों ने तेज आवाज में संगीत बजाकर मतगणना स्थल पर प्रक्रिया बाधित करने का प्रयास किया। हैरिसबर्ग में 100 लोगों ने मतगणना रोकने के लिए प्रदर्शन किए। 8 अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जीत रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप की हो या डेमोक्रेट जो बाइडन जीतें, दोनों स्थिति में भारत के हित सुरक्षित रहेंगे। विदेश मामलों के विशेषज्ञों का दावा है कि भारी बहुमत न होने के कारण राष्ट्रपति मनमानी नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा चिंता इसलिए भी नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंर्द्र मोदी के रिपब्लिकन ट्रंप और डेमोक्रेट राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा दोनों से साथ अच्छे संबंध रहे हैं। पूर्व राजनयिक पवन वर्मा के मुताबिक किसी देश की विदेश नीति सत्ता के साथ नहीं बदलती। उसमें निरंतरता रहती है। अमेरिका की विदेश नीति में भारत अहम भूमिका है और यह आगे भी रहेगी। चीन और पाकिस्तान को लेकर लगातार ट्रंप भारत के साथ मजबूती से खड़े दिखे। 9 रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (68) अगले साल पूर्वार्द्ध में ही पार्किंसन बीमारी के चलते अपना पद छोड़ सकते हैं। करीब 20 साल से देश की सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए रखने वाले पुतिन आगे भी सत्ता पर पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी रूस की संसद क्रेमलिन में जरूरी संशोधन कर चुके हैं। लेकिन अब दुनिया के इस मजबूत स्तंभ में पार्किंसन बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने क्रेमलिन से जुड़े एक विश्लेषक के हवाले से कहा है कि पुतिन की 37 वर्षीय गर्लफ्रेंड अलीना कबाइवा (जिमनास्ट) और उनकी दो बेटियां उन्हें इस्तीफा देने के लिए जोर डाल रही हैं।