अमेरिका के लास वेगास में पहली बार वर्जिन हाइपरलूप पर मानव यात्री बैठाकर परीक्षण किया गया। यह परीक्षण इस तकनीक को मानव उपयोग के लिए शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। परीक्षण 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर हुआ। हालांकि दावा किया गया है कि हाइपरलूप पर 960 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आवागमन हो सकेगा। वर्जिन हाइपरलूप ने कम रफ्तार की वजह अपने छोटे मार्ग को बताया है। यह अभी केवल 500 मीटर लंबा है। अधिकतम गति के परीक्षण के लिए करीब 100 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण करना होगा। कंपनी के प्रमुख तकनीकी अधिकारी जोश जिगल और सारा लुशियन इस परीक्षण में शामिल हुए। अमेरिका के 244 वर्ष के इतिहास में डोनाल्ड ट्रंप पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने व्हाइट हाउस छोडने से इनकार किया है। ट्रंप हार को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इससे वे कई चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे तीसरे ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जिन पर महाभियोग भी चल चुका है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति पद से हटने के बाद ट्रंप को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडन ने 270 से ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज के वोट जीते हैं इसलिए उन्हें राष्ट्रपति बनने का पूरा अधिकार है, जबकि ट्रंप के पास कानूनी रास्ते बहुत कम बचे हैं। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में लगातार सातवें दिन एक लाख से ज्यादा संक्रमित सामने आए। देश में एक करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा पहले ही पार हो चुका है। अमेरिका में पिछले साल नवंबर में पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से हालात कभी भी नहीं सुधरे। राष्ट्रपति चुनाव में भी यही मुद्दा बना था। सरकार की दिक्कत यह है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की तादाद भी तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को मई के बाद सबसे ज्यादा मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 62 हजार 964 मरीज मंगलवार को हॉस्पिटल में एडमिट किए गए। दो हफ्तों में 32 फीसदी मरीज बढ़े। यूरोपीय देशों में कोरोना से मौत का सिलसिला जारी है। मंगलवार को यह आंकड़ा तीन लाख के पार हो गया। फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और इटली में संक्रमण कम नहीं हो रहा है। फ्रांस में 12 दिन बाद मरीज कम जरूर हुए लेकिन अस्पतालों में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ गई। यहां की सरकारें वैक्सीन का इंतजार कर रही हैं, लेकिन यह इंतजार बढ़ता जा रहा है। यूरोप में विश्व की कुल आबादी का 10 फीसदी हिस्सा है। यहां अस्पताल बेहतरीन हैं, लेकिन कई मरीज बहुत गंभीर हालत में हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी यहां ज्यादा नहीं किया गया। ब्राजील के स्वास्थ्य नियामकों ने अपने यहां चीनी वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है। इसकी वजह वॉलंटियर्स को गंभीर नुकसान बताए गए हैं। चीनी ड्रग मेकर सिनोवेक बायोटेक ने जुलाई में वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल शुरू किया था। इसमें ब्राजील के बुटांटन इंस्टिट्यूट साझीदार था। यह परीक्षण 13 हजार वॉलंटियर पर किया जाना था। डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे। नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के तमाम बड़े नेता उन्हें जीत की बधाई दे चुके हैं। लेकिन, चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को जीत की बधाई नहीं दी। सवाल यह उठ रहा है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के नेता को इन्होंने बधाई क्यों नहीं दी? क्या वजह है? यह कूटनीति है या कुछ और। जिन चार देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने अब तक बाइडेन को शुभकामनाएं और बधाई नहीं दी, उनके नाम इस तरह हैं- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के राष्ट्रपति जेअर बोल्सोनारो और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन काउंसिल ऑफ हैड्स ऑफ स्टेट के 20वीं समिट को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई इस बैठक में मोदी ने कहा कि हमने हमेशा आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ आवाज उठाई है। एससीओ चार्टर में निर्धारित सिद्धांतों के साथ काम करने के लिए भारत हमेशा डटा रहा है। की मौजूदगी में मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एजेंडे में द्विपक्षीय मुद्दों को लाने की कोशिशें की जा रही हैं। यह चार्टर और शंघाई भावना का उल्लंघन हैं। भारत का मानना है कि आपस में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ें।