अमेरिका की निर्वाचित उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने सोमवार को कहा कि बाइडन सरकार विशेषज्ञों की सलाह मानकर, देशव्यापी जांच और संक्रमितों की पहचान कर कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित कर लेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित और निशुल्क हों। अमेरिका कोरोना वायरस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश है, जहां अब तक कुल 1.1 करोड़ से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं जिनमें से 246,000 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने के लिए जिन नौ कारोबारियों को आमंत्रित किया है उनमें दो भारतीय-अमेरिकी सीईओ-माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला और जीएपी की सोनिया सिंघल-शामिल हैं। डिजिटल माध्यम से सोमवार को होने वाली इस बैठक में उप राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित कमला हैरिस भी शामिल होंगी। बैठक से पहले बाइडन की सत्ता हस्तांतरण टीम ने कहा, बाइडेन कारोबारियों को एक साथ इस बात पर चर्चा करने के लिए ला रहे हैं कि कैसे भिन्न विचारों के बावजूद हम समान लक्ष्य के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 5.53 करोड़ के पार हो गया। 3 करोड़ 84 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 13 लाख 31 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका में कोरोना से हर रोज एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच, प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन के दावे पर तो खुशी जताई, लेकिन साथ ही कहा कि देश में कोरोना से और लोगों की मौत हो सकती है। अमेरिका में संक्रमितों का आंकड़ा रविवार को एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा हो गया। आखिरी 10 लाख केस तो महज 6 दिन में सामने आए। जबकि, पहले 10 लाख केस 100 दिन में सामने आए थे। क्रिसमस का सेलिब्रेशन 25 दिसंबर से एक हफ्ते पहले शुरू होता है। पर यह सेलिब्रेशन इंग्लैंड समेत दुनिया में एक माह पहले ही शुरू हो गया है। दरअसल, इंग्लैंड में 2 दिसंबर तक लॉकडाउन लागू है। गैर-आवश्यक वस्तुओं की दुकानें, रेस्त्रां, पब और होटल बंद हैं। यात्रा पर भी प्रतिबंध हैं। लोगों का मानना है कि जिस तरह मरीज बढ़ रहे हैं, उस तरह फिर से लॉकडाउन लग सकता है। इसलिए इंग्लैंड के कैंब्रिजशायर के लोगों ने अपने घर सजा लिए हैं। सेलिब्रेशन कोरोना काल और लॉकडाउन में चेहरों पर मुस्कान लाने की पहल है। अमेरिका के मॉल्स में सांता क्लॉज शील्ड और मास्क लगाकर बैठ रहे हैं। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच करीब 30 साल से चला आ रहा युद्ध अजरबैजान की जीत के साथ ही खत्म हो गया। अजरबैजान ने आर्मेनियाई सेना को तबाह कर विवादित इलाके नागर्नो-कराबाख पर कब्जा कर लिया है और इलाके का अब आर्मेनिया से संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। लेकिन इस जीत के पीछे जो वजहें रहीं, उन्हें भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। अजरबैजान ने थ्री-टी यानी टेक्नोलॉजी, टैक्टिक यानी रणनीति और तुर्की के दम पर जीत हासिल की। अजरबैजान ने 3-टी यानी टेक्नोलॉजी, टैक्टिक और तुर्की के दम पर जीत हासिल की। उसने तुर्की के बैराक्तर टीबी-2 और इजरायल के कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल किया। भारत के विरोध के बावजूद पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में इमरान सरकार द्वारा कराए जा रहे चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। वहां विधानसभा की 24 में से 23 सीटों पर हुए चुनाव में 9 पर इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ जीत चुकी है या उन पर आगे चल रही है। पीटीआई ने 8, निर्दलीयों को 6 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 5, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 2, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल और मजलिस वहदतुल मुस्लमीन को एक-एक सीट मिली। पिरामिडों के देश मिस्र में करीब 2500 साल पुराने 100 ताबूत मिले हैं। लकड़ी के बने इन ताबूतों को बहुत खूबसूरत तरीके से विभिन्न रंगों से चित्र बनाकर सजाया गया है। इन ताबूतों को देखकर पुरातत्वविद आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि कई ताबूतों के अंदर रखी ममी बेहद सुरक्षित अवस्था में मिली हैं। पुरात्वविदों ने बताया कि इन 100 ताबूतों में से कई को करीब 2500 साल पहले सक्कारा में दफनाया गया था, जो उस समय एक विशाल कब्रिस्तान का काम करता था। अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने संकेत दिए हैं कि वे देश की खराब हो चुकी छवि को सुधारने के लिए तेजी से काम करेंगे। अमेरिका के डिप्लोमैट, इंटेलीजेंस और मिलिट्री सर्विस से जुड़े लोगों को सम्मान दिलाना उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। दूसरे देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों के लिए खासतौर से ज्यादा सधा हुआ और सहानुभूति भरा रवैया अपनाया जाए। अमेरिका में बदलाव का यह संदेश दुनिया की कई राजधानियों में सुनाई दे सकता है। यही संदेश बाइडेन ने वोटर्स को दिया था, जिसने उन्हें डोनाल्ड ट्रम्प पर निर्णायक जीत दिलाई थी। यह दुनिया में अमेरिका की असरदार वापसी का संकेत है। डोनाल्ड ट्रम्प हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन बड़े अंतर से चुनाव जीते हैं, लेकिन ट्रम्प इस जीत को मानने से इनकार कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने ट्वीट कर इस बार हुए चुनाव को इतिहास का सबसे कपटपूर्ण चुनाव बताया। उधर, ट्रम्प कैम्पेन चुनाव में गड़बड़ी के अपने आरोपों को पुख्ता साबित करने के लिए एक आईटी वर्कर को गवाह के तौर पर सामने लाया है। आईटी वर्कर का दावा है उसने डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थकों को वोटिंग के दौरान गड़बड़ी करते देखा था। ट्रम्प के वकीलों का कहना है कि यह वर्कर जो बाइडेन की ओर से चुनाव में हुए फर्जीवाड़े की चश्मदीद है। मिस्र का सीवा नखलिस्तान, जो राजधानी काहिरा से 560 किमी दूर स्थित है। सीवा में बर्बर जाति के करीब 33 हजार लोग रहते हैं। यहां ज्यादातर घर मिट्टी के बने हैं। सीवा पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है। पिछले कुछ सालों में मिट्टी के घरों में कमी आई तो यहां का टूरिज्म भी गिरने लगा। कोरोनाकाल में लोग और परेशान हो गए। लेकिन जैसे ही देश-दुनिया नॉर्मल हुई तो यहां के लोगों ने मिट्टी के घर, किले और भूलभूलैया बनाना शुरू कर दिया, ताकि पर्यटक यहां आना शुरू कर दें। पर्यटन निदेशक महदी अल-होविती ने बताया कि ये घर मिट्टी, नमक और चट्टान के मिश्रण से बनते हैं। यह गर्मी में काफी ठंडे होते हैं। इस कारण यह घर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।