इस बार कई जगहों पर भीषण ठंड पड़ने की संभावना है. भारत समेत दुनिया के कई शहरों में तापमान माइनस के नीचे चला जाता है. लेकिन दुनिया में एक ऐसा गांव भी है जहां का न्यूनतम तापमान - 71 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। जी हां, रुस के साइबेरिया में एक गांव है ओम्याकोन। जहां की ठंड यहां के लोगों का हाल बेहाल कर देती है। यहां ठंड का आलम ये होता है कि यहां कोई भी फसल नहीं उगती है. लोग अधिकतर मांस खाकर जिंदा रहते हैं.इतना ही नहीं यहां की ठंड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर लोगों की आंखों की पलकें तक जम जाती है। लोगों को कई तरह की मुश्किल का सामना करना पड़ता है. गाड़ियों की बैट्री ना जमे इस वजह से गाड़ियों को हर वक्त स्टार्ट किए रहना पड़ता है यहां के लोग अलग-अलग तरह के मांस खाते हैं. कंपा देने वाली इस ठंड के बावजूद छोटे-छोटे बच्चे इस स्कूल में पढ़ाई करने पहुंचते हैं और ये स्कूल 11 साल या उससे कम उम्र के छात्रों के लिए तभी बंद होता है जब तापमान -52 डिग्री या उससे कम चला जाता है. सर्दियों में दिन का तापमान -45 से -50 डिग्री सेल्सियस तक होता है. यहां दिसंबर के महीने में सूरज 10 बजे के करीब उगता है. इस तापमान पर डॉक्टर्स लंबी-लंबी गहरी सांसे लेने के लिए भी मना करते हैं क्योंकि इस तापमान पर सिर्फ सांस लेना भी तकलीफदेह हो सकता है और बेहद ठंडी हवा फेफड़ों में भर जाने का खतरा भी होता है जो सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है. इस क्षेत्र में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि सामान्य जनजीवन भी काफी चुनौतीपूर्ण है