शेयर बाजार में लगातार बढ़ रहे विदेशी निवेश और घरेलू निवेशकों की संख्या के चलते प्रमुख इंडेक्स रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इसमें सेंसेक्स 47 हजार के पार और निफ्टी 14 हजार के करीब कारोबार कर रहा है। अच्छी बढ़त के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप भी 188 लाख करोड़ रुपए स्तर के करीब पहुंच गया है। खास बात यह है कि ज्यादातर ब्रोकरेज हाउसेस बाजार की रैली को आगे जारी रहने का अनुमान जता रहे हैं। बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट रेशियो सितंबर 2020 के अंत में 7.5 पर्सेंट रह गया जो इसी साल मार्च के अंत में 8.2 पर्सेंट और पिछले साल मार्च के अंत में 9.1 पर्सेंट रहा था। इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान बैंकों के जिन लोन का ब्याज 90 दिन से ज्यादा समय से बकाया है, उनका प्रतिशत बैंकों के कुल लोन के मुकाबले घटा है। इकोनॉमिक अफेयर्स के पूर्व सेक्रेटरी अतानू चक्रबर्ती निजी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के अगले चेयरमैन हो सकते हैं। वे श्यामला गोपीनाथ की जगह लेंगे। श्यामला गोपीनाथ जनवरी में रिटायर हो रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक के पास मंजूरी के लिए चक्रबर्ती का नाम भेजा है। मंगलवार को वायदा बाजार में सोने की मांग में कमी के चलते सटोरियों ने अपनी पकड़ कमजोर कर ली, जिसके चलते सोने का भाव 3 रुपए गिरकर 50,010 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। दूसरी तरफ, वायदा कारोबार में चांदी कमजोर मांग के चलते 499 रुपए गिरकर 68,318 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में फरवरी में डिलीवर होने वाले सोने की कीमत 3 रुपए या 0.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,010 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई, जिसमें 10,097 लॉट के लिए कारोबार हुआ। भारत के रिटेल मार्केट को दुनिया का सबसे ज्यादा प्रॉलिफिक मार्केट माना जाता है। इस मार्केट में अपना प्रभुत्व जमाने के लिए दो अरबपति कारोबारियों में जंग चल रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में ऑनलाइन शॉपिंग में भारी उछाल आया है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले साल की पहली छमाही में रिटेल मार्केट का कारोबार कोविड-19 से पहले के 85ः स्तर तक पहुंच सकता है। साल 2020 में मुकेश अंबानी का ज्यादातर समय फेसबुक इंक, गूगल और वॉल स्ट्रीट दिग्गजों के मनुहार में ही बीत गया। इसमें वह इन कंपनियों से दुनिया के सबसे बड़े कॉरपोरेट ट्रांसफॉर्मेशन जियो टेक में हिस्सेदार बनने को कहते आ रहे थे। भारत की वित्तीय स्थिति में कोविड-19 के चलते आई लड़खड़ाहट के बाद बड़ी तेजी से सुधार हुआ है। यह अब तो कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी के पहले से भी बेहतर हो गई है। इन बातों का पता क्रिसिल रिसर्च के फाइनेंशियल कंडिशन इंडेक्स से चलता है।