कोरोना संक्रमण की मार में जहां एक ओर पूरी दुनिया की आर्थिक गतिविधियां थमी है वहीं भारत में स्टार्टअप कंपनियों की रफ्तार बढ़ी है। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में दिसंबर तक 41,190 स्टार्टअप खुल चुके हैं। फरवरी 2020 में इनकी संख्या 29,017 थी। मार्च में कोरोना संक्रमण के शुरू होने के साथ ही दुनिया के साथ भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर दिखने लगा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान और आत्मनिर्भर भारत के मंत्र ने ऐसा काम किया कि देश के लोगों ने इस संक्रमण काल की चुनौतियों को अवसर में बदल दिया, देश दुनिया का सबसे बड़ा तीसरे नंबर का स्टार्टअप इकोसिस्ट्म बन गया है। विमानन कंपनी इंडिगो ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में उसके सर्वर को हैक कर लिया गया था। उसे इस बात की आशंका है कि हैकर कंपनी के कुछ आंतरिक दस्तावेजों को सार्वजनिक वेबसाइटों पर अपलोड कर सकते हैं। इंडिगो ने बताया कि दिसंबर 2020 की शुरुआत में उसका सर्वर हैक हो गया था। हालांकि कंपनी का कहना है कि उसने बहुत ही कम समय में इस पर काबू पा लिया और इसका असर मामूली रहा। इंडिगो ने कहा कि हमें मामले की गंभीरता का अंदाजा है और हम विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं ताकि इस घटना की गहराई से जांच हो सके। इस साल क्रूड की कीमत में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल में ब्रेंट क्रूड जहां 20 साल के निचले स्तर तक पहुंच गया, वहीं अमेरिकी बेंचमार्क का प्रति बैरल भाव शून्य से 40.32 डॉलर नीचे तक आ गया था, जो इसके इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया था। क्रूड के भाव में इतनी भारी गिरावट के बाद भी आम आदमी के जीवन को प्रभावित करने वाले पेट्रोल और डीजल के भाव में गिरावट नहीं आई, बल्कि यह बढ़ ही गई है। रिजर्व बैंक ने नवंबर महीने के इंडस्ट्री के आंकड़े भी जारी किए हैं। फूड प्रोसेसिंग, पेट्रोलियम, कोयले के प्रोडक्शन और न्यूक्लियर ईंधन, लेदर और लेदर के प्रोडक्ट, पेपर और पेपर प्रोडक्ट, माइनिंग, ग्लास और ग्लासवेयर, टेक्सटाइल्स, बेवरेजेस और तंबाकू और वाहन और वाहनों के पार्ट और ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट की उधारी में अच्छी बढ़त देखी गई है। यही नहीं पर्सनल लोन में भी अच्छी बढ़त दिखी है। केंद्र सरकार के 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में फिस्कल डेफिसिट में 135.1 पर्सेंट की बढ़त हुई है। नवंबर में यह आंकड़ा 10.75 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह इसलिए हुआ है क्योंकि रेवेन्यू में कमी आई है। रेवेन्यू में कमी इसलिए आई क्योंकि कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप रही हैं। 2019-20 के बजट अनुमान से अगर तुलना करें तो नवंबर में फिस्कल डेफिसिट 114.8 पर्सेंट रहा है। फिस्कल डेफिसिट सरकार की कुल आय और खर्च के बीच के अंतर को कहते हैं। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल फिस्कल डेफिसिट 10 लाख 75 हजार 507 करोड़ रुपए रहा है। मार्च से देश में लागू लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से सरकार के रेवेन्यू पर बुरा असर दिखा है।