कोरोना महामारी ने भारत के हेल्थ सेक्टर की बहुत सी खामियों को उजागर किया है। इस दौरान बेड, डॉक्टर्स और मेडिकल इक्विपमेंट्स की कमी से जूझना पड़ा। इसलिए उम्मीद है कि इन खामियों को दूर करने के लिए सरकार हेल्थ बजट को दोगुना करेगी। इसके अलावा हेल्थ सेस बढ़ाने की भी चर्चा है। सबसे पहले देखते हैं कि बजट में आम लोगों के मतलब की कौन सी घोषणाएं हो सकती हैं। अभी कम कमाई वालों के स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चल रही साल 2020 में सोने की मांग में 35 फीसदी की कमी आई है। देश में इसकी डिमांड 446.4 टन रही। 2019 में सोने की कुल मांग 690.4 टन थी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (भारत) के मैनेजिक डायरेक्टर सोमसुंदरम ने गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स-2020 की रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 2020 में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड 42 फीसदी और गोल्ड की कुल निवेश (इन्वेस्टमेंट) डिमांड 11 फीसदी कम रही। कोरोना महामारी के बीच पिछले साल जब बड़ी कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही थीं, उस समय स्टार्टअप्स नए लोगों को भर्ती कर रहे थे। कॉमर्स मिनिस्ट्री की स्टार्टअप इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टार्टअप्स ने पिछले फाइनेंशियर इयर में सितंबर तक 1.70 लाख रोजगार दिए थे। सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद हो रहा है। अब फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इस पॉलिसी का बचाव किया है। जकरबर्ग ने कहा है कि पॉलिसी अपडेट से दोस्तों या परिवार के मैसेज की प्राइवेसी में कोई बदलाव नहीं आएगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में एक बैड बैंक का आइडिया दिया है। दरअसल, कोरोना संकट के बाद फंसे हुए कर्ज यानी नॉन परफॉर्मिंग असेट्स बैंकों के लिए बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं। इसी से निपटने के लिए अब बैड बैंक बनाने पर विचार किया जा रहा है। बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है।