राजस्थान के जालोर जिले के लाछड़ी गांव में बोरवेल में गिरे चार वर्षीय बालक अनिल को सोलह घंटे बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया। जब सब आधुनिक तकनीक से काम नहीं बना तो गांव के ठेठ देसी आदमी माधाराम उर्फ जुगाड़ी बोस की तकनीक काम आई और उन्होंने महज पच्चीस मिनट में अनिल को सकुशल बाहर निकाल लिया। 90 फीट के बोरवेल में 80 फीट की गहराई पर फंसे बालक अनिल को निकालना आसान नहीं था। बड़ोदरा और गांधीधाम के अलावा अजमेर से आई एनडीआरएफ की टीमों के प्रयास विफल हो जाने के बाद माधाराम ने प्रशासन से एक मौका देने का आग्रह किया। इसके बनाए देसी जुगाड़ ने करिश्मा कर दिया। महज पच्चीस मिनट में ही अनिल बोरवेल से बाहर था। बालक को बाहर निकालने के लिए जलापूर्ति के लिए काम आने वाले पीवीसी के नब्बे-नब्बे फीट के तीन पाइप मंगाए। उसने तीनों पाइप के आगे एक टी को जोड़ा। इनके बीच में एक रस्सी बांध दी गई। साथ ही कैमरे को भी इससे जोड़ा गया। अब रात 1.55 पर जुगाड़ी बोस ने मोर्चा संभाला। अस्सी फीट तक इस जुगाड़ को पहुंचाने के बाद टी को बालक के सिर से होते हुए पेट तक पहुंचाया गया। सीने तक पहुंचते ही रस्सी को खींचा गया। इससे तीनों पाइप के बीच में बच्चा फंस गया। इसके बाद रस्सी को खींचने का काम शुरू हुआ। रस्सी के साथ तीनों पाइप भी बाहर आते रहे। थोड़ी देर में बच्चा माधाराम के हाथ में था। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में महज पच्चीस मिनट का समय लगा।