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इंदौर और जबलपुर में जिन कोरोना मरीजों को गुजरात से आए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, उनमें से 90 फीसदी मरीजों का लंग्स इंफेक्शन ठीक हो गया.’ जी हां, ये चौंकाने वाला खुलासा पुलिस ने खुद किया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को गंभीरता से सोचना चाहिए. एक इंग्लिश अखवार में छपी खबर के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इंदौर में जिन लोगों को नकली रेमडेसिविर दिए गए, उनमें से दस की मौत हो गई. जबकि, 100 से ज्यादा लोग ठीक हो गए। इन इंजेक्शन में केवल ग्लूकोज और नमक था. हालांकि, जिन लोगों की मौत हो गई उनके शरीर की जांच नहीं हो सकती, क्योंकि सभी का अंतिम संस्कार हो चुका है. ब्यूरो