प्रज्ञाधाम उज्जैन के संस्थापक दिगंबर जैन आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि ध्यान मुद्रा में योग करने पर शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक चेतना का संचार होता है। शरीर और मन आनंद से प्रफुलित होता है। आत्मा का परमात्मा से जुड़ाव के लिए ध्यान मुद्रा में योग बहुत चमत्कारिक ढंग से शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक परिणाम देता है। उन्होंने वर्तमान समय में पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए 500 करोड़ वृक्ष की आवश्यकता बताते हुए कहा वह अपने सभी भक्तों और नागरिकों से अनुरोध करते हैं वह अपने जीवन में कम से कम 50 वृक्ष लगाकर उनका पालन पोषण करें। प्रकृति के लिए यह बहुत जरूरी है। योग दिवस के अवसर पर उन्होंने हरित क्रांति का संकल्प दिलाते हुए सभी से जब भी समय मिले। वृक्षारोपण करने और उसकी देखरेख करने का आह्वान किया।