अयोध्या का राम मंदिर पहली ही बारिश में टपकने लगा। मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा- गर्भगृह में जहां रामलला विराजमान हैं वहां भी पानी भर गया। अगर एक-दो दिन में इंतजाम नहीं हुए तो दर्शन और पूजन की व्यवस्था बंद करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया- शनिवार रात 2 से 5 बजे तक तेज बारिश हुई। इसके बाद मंदिर के गर्भगृह के सामने मंडप में 4 इंच तक पानी भर गया। मंदिर के अंदर लोगों को डर था कि कहीं बिजली का करंट न उतर आए। इसलिए सुबह 4 बजे होने वाली आरती टार्च की रोशनी में करनी पड़ी। सुबह 6 बजे की आरती भी ऐसे ही हुई। अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की बाद शनिवार को हुई पहली बारिश ने सभी प्रशासनिक दावों की पोल खोल कर रख दी। अयोध्या के विकास को मॉडल बनाने के लिए तैयार रामपथ पहली ही बारिश में कई जगह धंस गई। अब लोग इसे लेकर सवाल उठाने लगे हैं। उनका कहना है- देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए बारिश में अयोध्या कितनी तैयार है जबकि पहली बारिश में ये हाल है।