आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की समस्याओं को लेकर सौंपेंगे ज्ञापन जिले के दो खिलाडियों ने जीता एक स्वर्ण पदक एक कांस्य पदक पर्युषण महापर्व के समापन पर निकली भगवान महावीर स्वामी की भव्य शोभायात्रा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन सीटू संगठन की बैठक रविवार को बस स्टैण्ड स्थित धर्मशाला में आयोजित हुई। जिसमें २ सित बर को भोपाल में हुई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका संघ की बैठक में निर्णय लिया गया कि हर परियोजना में जाकर अपनी कमेटी को मजबूत करना है। जिससे सभी संगठन की पदाधिकारियों को परियोजना में बैठक लेने कहा गया है। इस संबंध में संगठन की अध्यक्ष श्रीमती अंजली बिसेन ने बताया कि नव बर माह के आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक व कार्यकर्ता/सहायिकाओं को जिला स मेलन का भी निर्णय लिया गया। उन्होंनें बताया कि महलाओं के साथ हो रहे अन्याय व शोषण एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की समस्याओं को लेकर बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएंगा। मध्य प्रदेश वूसु एसोसिएशन द्वारा २५ वीं राज्य स्तरीय वुसु प्रतियोगिता का आयोजन ६ सितंबर से ८ सितंबर तक जिला सिवनी के बाहुबली लान मैं रखा गया था इसमें बालाघाट जिले से चार खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल हुए थे जिसमें बालाघाट जिले से प्रशिक्षक संतोष पारधी के नेतृत्व में खिलाड़ी आशीष घनश्याम नगपुरे द्वारा प्रतियोगिता में एक स्वर्ण पदक अर्जित किया तथा मुशाहिद खान द्वारा एक कांस्य पदक अर्जित किया गया तथा अरुण महेश नगपुरे एवं रोहित रोशन नगपुरे इस प्रतियोगिता में सहभागी रहे सहायक प्रशिक्षक शुभम मानेश्वर द्वारा इस प्रतियोगिता में सहयोग प्रदान किया गया मध्य प्रदेश वुसू एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी सरिका गुप्ता द्वारा बालाघाट जिला वुसु कॉरपोरेशन की मान्यता प्रशिक्षक संतोष पारधी को जनरल सेक्रेटरी तथा अध्यक्ष प्रसिडेंट पद पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनिल धूवारे को दी गई तथा खिलाड़ी एवं प्रशिक्षक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जैन समाज का आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व के समापन अवसर पर रविवार ८ सित बर को शहर के श्री पाश्र्वनाथ भवन से भगवान महावीर स्वामी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस पर्व में जिन तपस्वीयों द्वारा तप किया गया था उनकी भी शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बैण्ड शहर का भ्रमण करते हुये दादा बाड़ी में पहुंच संपन्न हुई। जहां सभी तप करने वाले तपस्वीयों का स मान किया गया। श्वेता बर जैन समाज का पर्युषण पर्व ३१ अगस्त से प्रारंभ हुआ था इस पर्व को दशलक्षण पर्व भी कहा जाता है। जिसमें आत्माशुद्धि के लिये साधना व आराधना की जाती है।