पहले बाइक चलाई फिर पैदल चलकर लोगों से की मुलाकात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। कभी अपना काफिला रुकवाकर लोगों से मुलाक़ात करते हैं तो कभी टपरी में रूककर लोगों के लिए अपने हाथ से चाय बनाने लगते हैं। ऐसा ही कुछ हटकर अंदाज देखने को मिला दिवाली पर जहां उन्होंने उज्जैन में बाइक पर हाथ आजमाया। इसके बाद पैदल चलकर लोगों से मुलाकात की। MP में दीपावली पर 3 गुना बढ़ा प्रदूषण दीपावली के बाद मध्यप्रदेश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण का स्तर दो से तीन गुना तक बढ़ गया है। ग्वालियर के डीडीनगर में शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 408 दर्ज किया गया। इंदौर में यह 399 जबकि उज्जैन रतलाम में भी 300 के पार है। इधर दिवाली का जोरदार जश्न उधर शहर साफ इंदौरियों ने एक बार फिर बता दिया कि आखिर इंदौर सफाई में नंबर-1 क्यों है. दरअसल मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में लोगों ने सुबह 3 बजे तक दिवाली का जश्न मनाया. उसके बाद सुबह 4 बजे से सफाई मित्रों ने स्वच्छता का जश्न मनाना शुरू किया. लाखों पटाखे फूटने के बीच अलसुबह से शहर की सफाई शुरू हुई. इसके बाद देखते ही देखते सड़कें पूरी तरह साफ हो गईं दिवाली की रात भोपाल-इंदौर में कुल 30 जगह आग लगी: दिवाली की रात भोपाल-इंदौर में कुल 30 से ज्यादा जगहों पर आग लगने की घटना हुई। भोपाल में जहां लालघाटी और रातीबड़ इलाके में दो मकान 10 नंबर मार्केट और इतवारा में दो दुकानें जल गईं। वहीं इंदौर में होटल टेंट हाऊस और लकड़ी के पीठे आग की चपेट में आ गए। राम राजा के दरबार में लोक कला-संस्कृति का संगम दीपावली के दूसरे दिन शुक्रवार को निवाड़ी जिले के ओरछा में राम राजा सरकार के दरबार में बुंदेलखंड से मौनिया की टोलियां पहुंचीं। यहां सबसे पहले बेतवा में स्नान किया। दरबार में हाजिरी दी। इसके बाद शुरू हुआ मंदिर के बाहर मौनिया नृत्य। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बागेश्वर धाम में मनाई दिवाली बागेश्वर धाम में गुरुवार को दीपावली मनाई गई। इस दौरान घी के असंख्य दीप जलाकर मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की गई। धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने वहां पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ राम नाम का जाप किया और श्रद्धालुओं के साथ सूतली बम भी चलाए। इस दौरान ओरछा के रामराजा मंदिर में जले 10 हजार दीपक हिंदू परंपरा का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली मध्यप्रदेश में भी धूमधाम से मनाया गया। पर्व की शुरुआत महाकाल मंदिर से हुई। गुरुवार तड़के भस्म आरती में महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया गया। पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान को केसर चंदन इत्र का उबटन लगाया।