क्षेत्रीय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने नागपुर में जनसंख्या नीति पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि औसत जन्म दर 2.1 से नीचे जाने पर मानवता और सभ्यताओं के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। भागवत ने सुझाव दिया कि हर परिवार दो या तीन बच्चे पैदा करे ताकि समाज का संतुलन बना रहे। उन्होंने हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जताई और कहा कि भारत में हिंदुओं का बहुसंख्यक बने रहना देश की संस्कृति और मूल्यों के संरक्षण के लिए आवश्यक है। यह बयान आरएसएस की जनसंख्या असंतुलन से जुड़ी चिंताओं को पुनः रेखांकित करता है।