Hindi News Agency,Public Search Engine, Public directory - Express Media Service
ट्रेंडिंग
10-Jan-2025

बालाघाट। किसानों की उपज धान की खरीदीं के लिए सरकार द्वारा खरीदी केन्द्रों में सर्व सुविधा देने की बात कही जाती हैए लेकिन बालाघाट जिले के धान खरीदी केंद्र किन्हीं में खरीदीं प्रभारी द्वारा किसानों को लूटा जा रहा हैए तत् संबंध में किसानों ने बताया कि किसानों से मजदूरीए हमाली एवं तौलाई के नाम पर पांच रुपए प्रति बोरी की दर से लिया जा रहा है साथ ही उनके धान को रिजेक्ट कर प्रभारी वासनिक और उनके सर्वेयर द्वारा पैसे मांगे जाते हैंए और तौल में प्रत्येक बोरी में आधा किलो धान ज्यादा लेकर बालाघाट जिले के धान खरीदी केंद्र किन्हीं में किसानों को सरेआम लुटा जा रहा है। और शासन प्रशासन मौन है। आइए सुनते हैं किसानों की जुबानी । बालाघाट: भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले जिले के पेसा मोबलाईजरों ने 10 जनवरी को कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उनकी मुख्य मांग 8000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने और उन्हें नियमित करने की थी।मोबलाईजरों ने बताया कि उन्हें महज 4000 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है जबकि 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री द्वारा इसे बढ़ाकर 8000 रुपये करने का आश्वासन दिया गया था। नवंबर और दिसंबर में उन्हें केवल 4000 रुपये का ही भुगतान मिला है।पेसा मोबलाईजरों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार शीघ्र उनकी मांगें पूरी नहीं करती तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन और धरना प्रदर्शन करेंगे। भारतीय जनता पार्टी बालाघाट जिलाध्यक्ष को लेकर शुक्रवार को भी सस्पेंस बरकरार रहा और दिन भर विभिन्न नामों की चर्चा होते रही परंतु शाम ढलते तक कोई ठोस परिणाम पर नहीं पहुंचा जा सका। जिलाध्यक्ष दौड़ में वर्तमान अध्यक्ष रामकिशोर कावरेए पूर्व विधायक भगतसिंह नेतामए अभय कोचर आनंद कोछड़ के समर्थक अपने.अपने नेताओं का नाम उछालते रहे। ऐसा लग रहा है कि यह सस्पेंस अभी कुछ समय तक और बरकरार रहेगा। गुरूवार को पूर्व विधायक नेताम के जिलाध्यक्ष बनने को लेकर देर रात तक गहमागहमी की स्थिति देखी गई थी परंतु उनके नाम का पत्र नहीं आने से मामला थोड़े ठंडे बस्ते में चले गया और यह सवाल फिजाओं में गूंज रहा है कि कौन होगा जिला अध्यक्ष रेंजर कॉलेज बालाघाट के जबलपुर स्थापित होने का अब विरोध होना शुरु हो गया है। जिले के जनप्रतिनिधियों ने इसका विरोध शुरु किया है। रेंजर्स कॉलेज की स्थापना वर्ष 1907 में फॉरेनर्स ट्रेनिंग के लिए की गई थी। बाद में नवंबर 1979 में इस संस्थान को वन रेंजर्स कॉलेज में बदल दिया गया। इसके बाद इसे केंद्र सरकार को स्थानांतरित कर दिया गया। फिर से 1 अप्रैल 1990 को कॉलेज को राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया। रेंजर कॉलेज में प्रशिक्षु वन परिक्षेत्र अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है। अब इस कॉलेज को जबलपुर में स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। जिले की बैहर एवं बिरसा तहसील से अगस्त २०२४ में विजयवाड़ा आंध्रप्रदेश मछली पालन के लिए २२ मजदूरों को नियोक्ता द्वारा घर वापस नहीं आने दिया जा रहा था। जिनमें से ६ मजदूर भागकर वापस आ गए । एनजीओ आवाज संस्था को इसकी सूचना प्राप्त होने पर संस्था ने प्रशासन से संपर्क किया। इसके पश्चात एसडीएम बैहर अर्पित गुप्ता एवं एसडीओपी बैहर अरविंद शाह ने विजयवाड़ा पुलिस से समन्वय स्थापित कर फंसे हुए मजदूरों में से ४ मजदूरों को सुरक्षित वापस लाया गया है। जिनमें से ग्राम कुगांव का १ मजदूर एवं मलाजखंड के ३ मजदूर हैं। शेष मजदूरों के वापसी के प्रयास भी किये जा रहें है। उन्हें शीघ्र ही वापस ला लिया जाएगा। बालाघाट: जिला प्रशासन और योग आयोग समिति द्वारा 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती व राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मुलना स्टेडियम में 10000 लोगों द्वारा सूर्य नमस्कार व योग व्यायाम का आयोजन होगा। इसमें छात्र शिक्षक और अभिभावक शामिल होंगे। कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू होगा। बालाघाट नगर के उत्कृष्ट खेल मैदान पर जैन प्रीमियर लिग क्रिकेट स्पर्धा का शुभारंभ गुरूवार की रात्रि में जिले की सांसद श्रीमती भारती पारधी पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन की उपस्थिति में किया गया। यह दूसरा अवसर है जब उपरोक्त क्रिकेट स्पर्धा आयोजित की गई है। कडक़ती ठंड के बीच मैच देखने वाले दर्शकों की मैदान के चारों ओर उपस्थिति यह दर्शाती है कि नगर में क्रिकेट के प्रति कितना लगाव है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के इको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा अनुभूति कार्यक्रम २०२५ के तहत १० जनवरी को उत्तर सामान्य वनमंडल के वन परिक्षेत्र दक्षिण लामता सामान्य अंतर्गत अनुभूति कैंप’ का आयोजन भांडवहीं तालाब में किया गया जिसमें हायर सेकेंडरी स्कूल चरेगांव मगरदर्रा के स्कूली विद्यार्थियों को प्रकृति के इस सुरम्य वातावरण में पक्षी दर्शन कराया गया जिसमें दूरबीन की सहायता से विद्यार्थियों ने पक्षियों को देखा तथा उनकी विशेषताओं से अवगत हुए। इसके बाद विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटकर २ किलोमीटर के पथ ट्रेल पर ले जाया गया। यहां पर मास्टर ट्रेनर तथा वन अधिकारियों द्वारा विद्यार्थियों को वन एवं वन्य जीव एवं पर्यावरण संरक्षण और मिशन लाइफ संबंधित जानकारियां दी