मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मकर संक्रांति पर छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष 2025 का शासकीय कैलेंडर जारी किया। यह कैलेंडर ‘सुशासन से समृद्धि की ओर’ थीम पर आधारित है। पहली बार कैलेंडर में क्यूआर कोड जोड़ा गया है जिससे मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश और शासन की उपलब्धियों की जानकारी मिलेगी। इसमें योजनाओं जैसे श्री रामलला दर्शन महतारी वंदन और कृषक उन्नति की झलक है मुख्यमंत्री ने इसे शासन की प्राथमिकताओं का प्रतीक बताया और शुभकामनाएं दीं। छत्तीसगढ़ सरकार दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। साथ ही उनके नाम से पत्रकार भवन का निर्माण किया जाएगा।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने यह घोषणा बलरामपुर जिले के दौरे पर रवाना होने से पहले की। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पत्रकारिता के प्रति उनकी सेवा और समर्पण के सम्मान में लिया गया है। सरकार उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने संदेश में कहा भगवान सूर्यदेव की कृपा से सभी के जीवन में सुख समृद्धि और शांति बनी रहे। यह पर्व प्रदेश के विकास और खुशहाली का प्रतीक बने। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस जनता को भ्रमित कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने कोर्ट के आदेश के अनुसार आरक्षण लागू किया है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पिछड़े वर्ग को आरक्षण से वंचित रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा में विधेयक पारित नहीं होता तो ओबीसी आरक्षण संभव नहीं हो पाता। मकर संक्रांति पर पतंगबाजी की परंपरा को देखते हुए राजनांदगांव में पतंगों की दुकानों पर खास रौनक है। शहर में पांच रुपये से 1500 रुपये तक की पतंगे उपलब्ध हैं जिनमें बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर वाली पतंगे और आधुनिक पैराशूट पतंगे खास आकर्षण हैं।पैराशूट कपड़े की पतंगे फोल्ड की जा सकती हैं और तेज हवा में उड़ने के लिए उपयुक्त हैं। ताज पतंग भंडार के मोहम्मद गौस गोरी ने बताया कि उनकी दुकान पर 100 वर्षों से पतंगें बिक रही हैं। मकर संक्रांति पर एक दिन में कई महीनों का कारोबार हो जाता है। उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाने से आंखों की कसरत और एकाग्रता बढ़ती है। पतंगबाजी का यह पारंपरिक उत्सव शहर में हर साल खुशी और उमंग लेकर आता है।