मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने उनकी उत्तर प्रदेश की पुश्तैनी जमीन बेच दी। 35 साल बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तब इसका भंडाफोड़ हुआ। जिसके बाद प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है। दरअसल मामला 35 साल पुराना बताया जा रहा है जिसका खुलासा हाल ही में हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अंबेडकर नगर जिले के राहनगर महवर गांव में 0.152 हेक्टेयर की पुश्तैनी जमीन थी। राम भरत चौहान नाम के व्यक्ति ने खुद को दिग्विजय सिंह बता कर 1989 में रिटायर्ड एडिशनल एसपी जियालाल और रामनगर महुवार के निवासी राजबहादुर और मंगली को जमीन बेच दी थी।परिवार वालों ने जमीन पर निर्माण कार्य शुरू किया तब केयर टेकर की इस पर नजर पड़ी। जिसके बाद तहसील प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। टीम ने फौरन काम रुकवाया और दस्तावेजों की जांच की। पहले यह जमीन दिग्विजय सिंह की मां अपर्णा देवी के नाम थी जिनका 1986 में निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने इस जमीन का उत्तराधिकार (विरासत) लेने के लिए आवेदन किया और 18 मई 2024 को उनके नाम पर जमीन दर्ज कर दी गई। फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।