बालाघाट प्रगतिशील दिव्यांग कल्याण सेवा समिति के द्वारा दिव्यांगजनों की समस्या व मांगों को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान समिति के जिलाध्यक्ष अमन नामदेव ने कहा कि नपा परिषद में दिव्यांगों की भर्ती के लिये फार्म जमा कराया गया है लेकिन अब तक भर्ती नहीं की गई है। भर्ती में काफी विलंब किया जा रहा है जिससे दिव्यांगजन परेशान है। उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि आउटसोर्स भर्तीयों में भी दिव्यांगजनों को कार्य दिया जाए। शीघ्र मांगों पर अमल नहीं किया गया तो हमें आंदोलन करने बाध्य होना पड़ेगा। बालाघाट शहर के वार्ड नंबर ४ सुषमा ले आउट संविधान चौक के रहवासियों द्वारा नाली व सडक़ की समस्याओं का निराकरण कराने की मांग को लेकर मंगलवार को जन सुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर से गुहार लगाई है। ज्ञापन सौंपने पहुंचे रहवासी मीना कपाले ने बताया कि हमारी कॉलोनी को बने करीब १५ वर्ष हो गये है। लेकिन नाली व सडक़ की सुविधा नहीं है। यहां करीब ४५ मकान बने है। कालोनाइजर द्वारा नाली सडक़ की सुविधा नहीं की गई है। कालोनाइजर द्वारा कहा जा रहा है कि नपा में एनओसी जमा कर दी है। नपा द्वारा कहा जा रहा है कि ये कालोनी अवैध है ऐसे में हम कहा जाएं। उन्होंने मूलभूत सुविधाओं को लाभ दिलाने कलेक्टर से मांग की है। बालाघाट जिला बौद्ध संघ द्वारा बोध गया मंदिर अधिनियम 1949 में को निरस्त कर महाबोधी महाविहार बौद्ध गया का प्रबंधन बौद्धों को सौंपे जाने की मांग को लेकर आम्बेडकर चौक समीप एक दिवसीय धरना आंदोलन कर रैली निकालकर शहर का भ्रमण करते हुये एसडीएम गोपाल सोनी को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि बोध गया मंदिर अधिनियम 1949 में जो एक्ट बना था उसमें चार ब्राम्हणों को ट्रस्टी बनाया गया था। बोध गया का प्रबंधन अभी भी गैर बौद्धों के हाथ में है। हमारी मांग है कि 1949 के एक्ट में संशोधन कर बोध गया में स्थित महाबोधी बौद्ध विहार का संपूर्ण प्रबंधन बौद्धों को सौंपा जाए। बालाघाट पवित्र माह रमजान में इबादतों का दौर जारी है।जहां चांद के दीदार के साथ १मार्च की शाम से शुरू हुए इस पवित्र माह रमजान का आज 11 मार्च दिन मंगलवार को एक अशरा पूरा हो गया है। वहीं माहे रमजान का दूसरा अशरा बुधवार से शुरू होगा ।जिसको लेकर मुस्लिम समाजिक बन्धुओ में काफी उत्साह देखा जा रहा है।आपको बताएं कि माहे रमजान को बरकतों रहमतों मगफिरतो और फजीलतो वाला महीना भी कहा जाता है ।धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी माह में पवित्र कुरान भी इस धरती पर मुकम्मल तौर पर उतारा गया था।बताया गया कि इस पवित्र महीने को 3 अशरे में बांटा गया है जिसके मुताबिक पहले से 10 रोजे तक रहमतों का10 वे 20 रोजे तक बरकतों का और 20 से 30 वे रोज़े तक जहन्नुम की आग से बचाने का हिस्सा माना गया है।