इस हफ्ते सोने और चांदी के दामों में बढ़त देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक 5 अप्रैल को सोना 91014 रुपए प्रति 10 ग्राम था जो अब 93353 रुपए पर पहुंच गया है। यानी इस हफ्ते सोना 2339 रुपए महंगा हुआ है और ये इसका ऑल टाइम हाई भी है। वहीं चांदी 92910 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 92929 रुपए हो गई है। हालांकि इसमें सिर्फ 19 रुपए की मामूली बढ़त हुई है। गौरतलब है कि 28 मार्च को चांदी का ऑल टाइम हाई 100934 रुपए रहा था। अमेरिकी बाजार में जबरदस्त उछाल: शुक्रवार 11 अप्रैल को अमेरिकी बाजार में जोरदार तेजी देखी गई। डाउ जोन्स इंडेक्स 619 अंक (1.56%) की बढ़त के साथ 40213 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 95 अंकों (1.81%) की तेजी रही और ये 5363 पर बंद हुआ। टेक्नोलॉजी शेयरों का इंडेक्स नैस्डेक कंपोजिट 337 अंक (2.06%) चढ़कर 16724 पर पहुंच गया। ट्रम्प द्वारा दुनियाभर के देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिन की रोक के ऐलान का बाजारों पर सकारात्मक असर पड़ा है। हालांकि चीन के साथ टैरिफ वॉर के चलते 10 अप्रैल को भारी गिरावट भी आई थी। टूथपेस्ट विज्ञापन विवाद: डाबर और कोलगेट के बीच टूथपेस्ट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने डाबर से कहा है कि वह अपने फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट के खिलाफ किए गए दावों के वैज्ञानिक प्रमाण पेश करे। डाबर ने अपने एक विज्ञापन में दावा किया था कि फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट बच्चों का IQ घटा सकता है और इससे हड्डियां कमजोर होती हैं। कोलगेट ने इसे भ्रामक बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डाबर को अपने दावों के पक्ष में साइंटिफिक एविडेंस पेश करने का आदेश दिया है। ITR फाइलिंग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक 9.19 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल किया है जो पिछले साल की तुलना में 7.86% ज्यादा है। सबसे अधिक ITR महाराष्ट्र से फाइल हुए हैं जहां 1.39 करोड़ लोगों ने रिटर्न भरा। वहीं देश में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना आय वाले 10814 लोगों ने रिटर्न फाइल किया है। 5-10 करोड़ की आय वालों की संख्या 16797 है जबकि 1-5 करोड़ इनकम वाले 2.97 लाख लोगों ने ITR दाखिल किया है। औद्योगिक विकास दर में गिरावट: फरवरी 2025 में भारत की औद्योगिक विकास दर (IIP) घटकर 2.9% पर आ गई है जो पिछले छह महीनों में सबसे कम है। जनवरी में यह दर 5% थी। मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर की कमजोर परफॉर्मेंस इसकी मुख्य वजह रही। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ भी गिरकर 2.9% पर आ गई है जो अगस्त के बाद सबसे निचला स्तर है। माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 2.8% रही जो चार महीने के न्यूनतम स्तर पर है।